भानुपल्ली-बिलासपुर रेल परियोजना को बाधित करने का प्रयास ना करें कांग्रेस, सहयोग दें : नंदा

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इस योजना के लिए पूर्व की भाजपा सरकार ने दिए 800 करोड़

वर्तमान सरकार ने केंद्र सरकार को साफ मना कर दिया की हिमाचल इस परियोजना के लिए खर्चा नहीं उठाएगा

शिमला : भाजपा मीडिया प्रभारी एवं विभाग संयोजक कर्ण नंदा ने कहा की भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाइन परियोजना का कार्य प्रदेश सरकार बाधित करने का प्रयास कर रही है, जहां केंद्र सरकार ने इस योजना को लेकर पूर्ण सहायता देने का कार्य किया है वहीं हिमाचल प्रदेश की सरकार ने इस परियोजना की राशि को इंकार करते हुए इसकी प्रगति गति धीमी करने का प्रयास किया है।

उन्होंने कहा की हिमाचल प्रदेश की महत्वाकांक्षी भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाइन परियोजना पर वित्तीय संकट मंडरा गया है और इसके पीछे पूर्ण रूप से वर्तमान कांग्रेस सरकार की नकारात्मक मंशाएं है। बिलासपुर से बैरी तक की प्रस्तावित रेलवे लाइन के भू-अधिग्रहण के लिए प्रदेश सरकार के 100 फीसदी राशि खर्च करनी है जो की सरकार कर नही रही है। इसके लिए अनुमानित 1100 करोड़ की राशि देने पर राज्य सरकार ने साफ मना कर दिया है। हिमाचल प्रदेश के नेता और सरकारी अधिकारियों ने ऐसा केंद्र सरकार से कहा है।
जब से यह कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है तब से केवल मात्र वित्तीय स्थिति का रोना रो रही है, इनका कोई लेना-देना नहीं है अगर हिमाचल प्रदेश को फायदा पहुचानी वाली योजनाएं पूर्ण होती है या नही होती है।
पूर्व में जब हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार थी तो 800 करोड़ का खर्च इस कार्य के लिए खर्च किया गया था, अब इस परियोजना पर खर्च को रोक दिया गया है।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरे होने से हिमाचल प्रदेश को बहुत बड़ा फायदा होगा। पर्यटन, कारोबार, आवागमन और सभी छोटे-छोटे पहलुओं को लेकर हिमाचल प्रदेश की प्रगति में पंख लगेंगे।

भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि इस परियोजना के लिए हिमाचल सरकार तुरंत प्रभाव से पैसे आवंटित करें कि इस परियोजना के प्रगति कार्यों में बाधा ना आए और जल्द से जल्द जैसे कि लक्ष्य रखा था कि 2025 में इस परियोजना के कई चरण पूर्ण हो जाएं।
उन्होंने कहा कि इस योजना को धरातल पर उतरने के लिए भारतीय जनता पार्टी के समस्त नेतृत्व और पूर्व में रही सभी सरकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ऐसी बड़ी परियोजनाएं एक प्रदेश को अथक मेहनत से मिलती है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक