सोलन भाजपा की चर्चित जमीन अब उसके नए मालिक के नाम हो गई है। जिस जमीन के लिए बड़े दिनों से भाजपा में राजनीति का सबसे बड़ा दंगल चला हुआ था, अब वो कुछ की नजर में तो खत्म होता दिख रहा है पर अंदर खाते इसकी चिंगारी कई लोगों के दामन में जरूर आग लगाने का काम करेगी।
जो जमीन शमलेच में कभी भाजपा ने अपने पार्टी कार्यालय को खोलने के लिए ली थी, उस जमीन को कभी खरीदा गया, कभी बेचा गया और फिर अब दुबारा खरीद लिया गया। लेकिन ये सब चुपचाप हो गया और किसी को कानों कान खबर भी नहीं हुई। पत्रकारों को भी पता नहीं चला और वो भी इस मामले में फ़ेल हो गए। जबकि इस जमीन की दुबारा खरीद पिछले कल बुधवार को ही सुबह करीब 11:30 बजे हो गई।
सोलन जिला भाजपा के अध्यक्ष आशुतोष वैद्य सोलन तहसील में नायब तहसीलदार जगपाल सिंह चौधरी के पास आए और चंद मिनटों में ही इस जमीन को अपने नाम कर गए। दीनानाथ ने ये जमीन जिन्हे 26 लाख में बेची थी वो भी अपने पति के साथ वहां आई और ये जमीन सोलन भाजपा अध्यक्ष आशुतोष वैद्य के नाम कर गई।
दरअसल ये जमीन सोलन के व्यवसाई सचिन की धर्मपत्नी पारुल गुप्ता ने दीनानाथ से करीब 26 लाख में खरीदी थी और वही जमीन उन्होने आशुतोष वैद्य को 26लाख,20हजार में बेच दी। रजिस्ट्री में बतौर गवाह भी पारुल के पति सचिन व भाजपा नेता नरेंद्र सपुत्र श्री राम रत्न, गाँव लघेच, पीओ देओठी जिला सोलन है जबकि अब इस जमीन के मालिक आशुतोष वैद्य सपुत्र श्री तरेन्द्र पाल वैद्य, गाँव चूहीवाल, पीओ व तहसील नालागढ़ जिला सोलन हो गए है।
यानि जो जमीन कभी दीनानाथ की थी और 85 लाख देने के बाद भी सिर्फ कागजों मे भाजपा के नाम, उसके बाद पारुल गुप्ता के व अब आशुतोष वैद्य के नाम हो गई है। जमीन को कई मालिक मिल गए लेकिन अभी तक न तो इसमे कोई निर्माण हो सका और न ही इसके असली मालिक भारतीय जनता पार्टी के नाम ये जमीन हो सकी। दरअसल 118 की अनुमति न मिलने के कारण भाजपा पैसे देने के बाद भी इसकी असली मालिक नहीं बन सकी।
कल भी जब इस जमीन की रजिस्ट्री हुई तो इसका सारा पैसा आशुतोष वैद्य के खाते से दिया गया। उन्होने इसके लिए जमीन के 26 लाख 20 हजार जमा कराए और उसके अलावा 1लाख,57हजार, 200 रूपए स्टाम्प ड्यूटि व 52हजार 410 रूपए रजिस्ट्रेशन फीस के भी सरकारी खाते में जमा कराए। यानि कुल मिलाकर ये जमीन आशुतोष वैद्य के नाम 28 लाख 29 हजार 610 रूपए में हो गई। यानि अब खसरा नंबर 215/96 के नए मालिक आशुतोष वैद्य है जो कि वर्तमान में सोलन भाजपा के अध्यक्ष है।
इस बारे में जब आशुतोष वैद्य से थर्ड आई ने बात कि तो उन्होने इस बात को स्वीकार किया कि जमीन पारुल गुप्ता से पैसे देकर ले ली गई है। अब ये जमीन भाजपा कार्यालय के लिए वापिस ली है और हर हालत में इसमें पार्टी का ही कार्यालय बनेगा।
लेकिन हैरानी वाली बात ये है कि पारुल गुप्ता ने करोड़ों की जमीन कैसे 26 लाख 20 हजार में वापिस दे दी जबकि उन्हें पता था कि ये जमीन अब करोड़ों की है। क्योकि भाजपा ने आज से चार साल पहले यही जमीन 90 लाख में खरीदी थी। आखिर उन्होने किसके इशारे पर अपना इतना नुक्सान उठाया? दूसरा भाजपा कैसे दीनानाथ से अपने 26 लाख की वसूली करेगी जबकि वो तो करोड़ों का देनदार है।
ये 26 लाख भी वो राशि है जो कि उसने पारुल गुप्ता से जमीन के लिए लिए थे। ये पैसे दीनानाथ के खाते में आए भी थे या नहीं ये भी जांच का विषय है क्योकि दीनानाथ ने मीडिया को बयान दिया था कि वो ये पैसे तो बहुत पहले ही पारुल के पति से एडवांस ले चुका था व उन्हें देनदारियों में खर्च कर चुका है।
क्या अब इतने पैसे की चपत आशुतोष वैद्य को लगेगी या फिर इसकी रिकवरी हो जाएगी ये तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन इतना जरूर है कुछ हद तक अब उन नेताओं को नींद जरूर आएगी जो इस एपिसोड में बहुत समय से परेशान चले हुए थे।
बाकि कल
क्योकि अब इस खेल में पूर्व सोलन जिला भाजपा अध्यक्ष भी कूद गए है और उन्होने भी मनीष को भाजपा का सच्चा सिपाही बताया और उसे कमीशन एजेंट मानने से इंकार कर दिया है।
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