ब्यास नदी का जलस्तर और बढ़ा,छोड़ा जा रहा 1 लाख क्यसेक पानी
कुल्लू-मनाली में हो रही भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के चलते ब्यास नदी के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। पंडोह डैम प्रबंधन को इस संदर्भ में अलर्ट प्राप्त हुआ है जिसके चलते डैम प्रबंधन ने अभी डिसिल्टिंग के कार्य को पूरी तरह से रोक दिया है। यह कार्य अब कल या फिर आने वाले दिनों में किया जाएगा।
यह जानकारी बीबीएमबी के अधीक्षण अभियंता ई. अजयपाल सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि ब्यास नदी के पानी में पहले से ही सिल्ट की मात्रा बहुत ज्यादा आ रही है और पानी की मात्रा में भी इजाफा हो रहा है। ऐसी स्थिति में जो भी पानी डैम पर आ रहा है उसे सीधे ब्यास नदी में ही छोड़ जा रहा है। अभी 1 लाख क्यूसेक पानी ब्यास नदी में छोड़ा जा रहा है।
अजय पाल सिंह ने बताया कि पंडोह डैम से बग्गी टनल के माध्यम से डैहर पावर हाउस के लिए जो पानी भेजा जाता है उसे भी फिलहाल रोक दिया गया है। पानी में सिल्ट की मात्रा जब पांच हजार से कम होगी तो उसके बाद ही बग्गी टनल के लिए पानी की सप्लाई भेजी जाएगी। इस कारण विद्युत उत्पादन भी बंद कर दिया गया है। अभी पंडोह डैम के पांचों गेट खोल दिए गए हैं और पानी को सीधे ब्यास नदी में ही छोड़ा जा रहा है।
अजय पाल सिंह ने बताया कि पानी को छोड़ने के साथ ही पंडोह और मंडी तक लोगों को अलर्ट भी किया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा एक वाहन पंडोह डैम से लेकर मंडी तक हाईवे किनारे अनांउसमेंट करते हुए दौड़ाया जा रहा है। वहीं, प्रशासन के साथ भी हर स्थिति की जानकारी को सांझा किया जा रहा है ताकि किसी प्रकार का नुकसान न हो। लोगों से भी अपील है कि इस समय ब्यास नदी के किनारे न जाएं।