बैंक धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तारी के बाद बढ़ी कांगड़ा के विनय की मुश्किलें, 555 करोड़ का है गड़बड़झाला
इंडियन टेक्नोमेक से जुड़ी इंडियन टेक्नोमेटल कंपनी के बैैंक धोखाधड़ी मामले में निदेशक हिमाचल के कांगड़ा निवासी विनय शर्मा की मुश्किलें अब और बढ़ गई है। वह पूर्व जिलाधीश एमएल शर्मा का बेटा है। छह हजार करोड़ के इंडियन टेक्नोमेक घोटाले में भी विनय गिरफ्तार हो चुका है। आर्थिक अपराध शाखा की कार्रवाई से उन पर और कानूनी शिकंजा कसा है। इसी वर्ष बैंकों से किए 555.65 करोड़ रुपये के गड़बड़झाले मामले में सीबीआइ ने कांगड़ा में दबिश दी थी। सीबीआइ ने दिल्ली में टेक्नोमेटल कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद इसके पूर्व निदेशक विनय शर्मा के घर पर दबिश देने की कार्रवाई की थी। टेक्नोमेटल कंपनी सिरमौर जिले के पांवटा की इंडियन टेक्नोमेक कंपनी से संबंधित है। इस कंपनी में भी विनय शर्मा भी निदेशक थे।

क्या है मामला
सीबीआइ के अनुसार इंडियन टेक्नोमेटल कंपनी ने कई बैकों से करीब 555.65 करोड़ का कर्ज लिया था। इसके लिए बैंकों में फर्जी दस्तावेज जमा करवाए गए। इस बारे में यूनियन बैंक की ओर से दिल्ली सीबीआई को शिकायत दी गई । इसके बाद दिल्ली में केस दर्ज किया, जिसमें टेक्नोमेटल कंपनी के निदेशक दिल्ली निवासी राकेश कुमार शर्मा, निदेशक विनय शर्मा के अलावा कंपनी के अन्य अधिकारी और सरकारी कर्मचारी आरोपित बनाए गए। सीबीआइ को दी शिकायत में यूनियन बैंक (पूर्व में कारपोरेशन बैंक) की ओर से कहा गया है कि टेक्नोमेटल कंपनी के निदेशकों और अन्यों ने षड्यंत्र रचकर कारपोरेशन बैंक, स्टेट बैंक आफ हैदराबाद (अब एसबीआइ) पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक, सिंडिकेट बैंक, सेट्रल बैंक ऑफ इंडिया समेत दो अन्य बैंकों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करीब 555.65 करोड़ रुपये का लोन लिया।

इंडियन टेक्नोमेक कंपनी ने भी हड़पा था बैैंकों का पैसा
इंडियन टेक्नोमेक कंपनी ने भी दिल्ली के राष्ट्रीयकृत बैंकों से 1536 करोड़ का मूल कर्ज डकारा है। ब्याज समेत यह राशि ढाई हजार करोड़ तक पहुंच गई है। जब तक मुख्य आरोपित आरके शर्मा दुबई से वापस नहीं लाया जाता, तब तक बैंकों के लिए भी पैसा वसूल करना आसान नहीं है। हालांकि कुछ संपत्ति को कुर्क किया गया है।

