सरकारी प्राइमरी स्कूल में प्राथमिक शिक्षक के रूप में सेवाएं दे रहे 54 वर्षीय जरनैल सिंह ने जैवलिन थ्रो में कांस्य पदक जीता। उन्होंने बताया कि वह 40 वर्ष की उम्र के बाद खेल से जुड़े और अथक प्रयास करते हुए कई प्रतियोगिताओं में प्रतिभागिता की। आज अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में देश के नाम कांस्य पदक जीतकर उन्हें बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि नशे का त्याग कर स्वस्थ जीवन जीने के लिए नियमित रूप से खेल गतिविधियों में प्रतिभागिता करें।

1500 मीटर और 3000 मीटर की दौड़ प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतने वाले 66 वर्षीय सेवानिवृत्ति कॉलेज प्राध्यापक अजीत सिंह ठाकुर ने बताया कि युवावस्था से लेकर सेवानिवृत्ति तक उन्होंने कभी भी किसी खेल प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया था।

सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने देश के मास्टर एथलीट्स से प्रेरणा लेते हुए दौड़ प्रतियोगिताओं के लिए अभ्यास शुरू किया। इसी साल फरवरी में उन्होंने पहली बार घरेलू मास्टर एथलेटिक्स में भाग लिया था। जिसमें जीत हासिल करने के चलते उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए चुना गया। जिसमें उन्होंने 3000 मीटर और 1500 मीटर दौड़ प्रतियोगिताओं में कांस्य पदक जीते हैं। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग अवस्था में पहुंचकर स्वस्थ जीवन जीने का रहस्य खेल गतिविधियों में ही छिपा है।