बिलासपुर में तीन दिन बाद शुरू होगा हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज
बिलासपुर के बंदला में 62.08 बीघा भूमि पर 105 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की कक्षाएं अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में शुरू हो जाएंगी। ऑल इंडिया काउंसलिंग फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) की हरी झंडी मिलने के बाद कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां से प्रथम वर्ष की कक्षाएं बंदला शिफ्ट की जा रही हैं।
लंबे इंतजार के बाद बिलासपुर के बंदला का हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज तीन दिन बाद शुरू होने जा रहा है। 26 सितंबर को कॉलेज में प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को पढ़ाने वाले प्रोफेसर पदभार संभालेंगे। 29 सितंबर से प्रथम वर्ष के प्रवेश के लिए काउंसलिंग शुरू हो जाएगी। अक्तूबर के आखिरी सप्ताह में हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रथम वर्ष की कक्षाएं शुरू होंगी। इसकी पुष्टि तकनीकी शिक्षा निदेशक विवेक चंदेल ने की है।
बिलासपुर के बंदला में प्रथम वर्ष की कक्षाएं शुरू होंगी। जरूरत के हिसाब से प्रोफेेसर नियुक्त होंगे। नगरोटा में दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष की पढ़ाई चल रही है। 29 से काउंसलिंग शुरू होगी और अक्तूबर के अंत में प्रथम वर्ष की कक्षाएं शुरू होंगी।
पिछले चार साल से बंदला में भवन निर्माण कार्य पूरा न होने और मूलभूत ढांचे की कमी के चलते एआईसीटीई की मंजूरी न मिलने के पर बिलासपुर में कक्षाएं शुरू नहीं करवाई जा रही थी। इस कारण नगरोटा बगवां से ही पहला बैच निकल गया। अब बंदला में कक्षाएं शुरू करने के लिए होस्टल, प्रिंसिपल रूम से लेकर क्लासरूम तक सब तैयार है। जो कार्य बचा है, वह अक्तूबर अंत तक पूरा हो जाएगा।
29 सितंबर से कॉलेज में प्रवेश के लिए तीन राउंड में काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होगी। हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज जब पूरी तरह संचालित हो जाएगा तो इसमें 4 ट्रेड की डिग्री मिलेगी। हर ट्रेड में 60-60 सीटें होंगी। हर बैच में 240 हाइड्रो इंजीनियर पास आउट होंगे। प्रदेश के एकमात्र हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में मेकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रॉनिक और कंप्यूटर साइंस ट्रेड में पढ़ाई होगी। प्रथम वर्ष में सिविल और इलेक्ट्रिकल की कक्षाएं ही शुरू होंगी। इस दौरान 120 विद्यार्थी अध्ययनरत होंगे।