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बाहरा यूनिवर्सिटी की रागिनी ठाकुर ने रचा इतिहास, फॉरेंसिक साइंस में JRF पास कर हिमाचल का नाम रोशन किया

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मनाली के समीप स्थ‍ित सुमीनाल्टा गांव की रहने वाली रागिनी ठाकुर ने फॉरेंसिक साइंस विषय में UGC NET-JRF (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) परीक्षा उत्तीर्ण कर एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। बहरा यूनिवर्सिटी की छात्रा और दिव्यांग वर्ग (PWD) से संबंध रखने वाली रागिनी की यह उपलब्धि पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा बन गई है।

रागिनी ठाकुर ने बहरा यूनिवर्सिटी से फॉरेंसिक साइंस में स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की है। इस सफलता पर रागिनी ने कहा, “इस उपलब्धि का श्रेय सबसे पहले मैं अपने माता-पिता और शिक्षकों को देना चाहूंगी, जिनका समर्थन और बलिदान मेरी सबसे बड़ी ताकत रहे हैं। साथ ही मैं अपने सभी मार्गदर्शकों की भी आभारी हूं, जिनकी प्रेरणा और विश्वास ने मुझे इस मुकाम तक पहुँचाया।”

रागिनी का सपना है कि वह फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में गहन शोध करें और समाज को योगदान देने के साथ-साथ हिमाचल के युवाओं को इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करें।

उनकी इस उपलब्ध‍ि पर बहरा यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति गुरविंदर सिंह बहरा ने उन्हें बधाई दी और कहा कि रागिनी जैसी छात्राएं यूनिवर्सिटी का गौरव हैं। “उनकी मेहनत, समर्पण और आत्मविश्वास ने साबित कर दिया है कि कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। हम उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।”

फॉरेंसिक साइंस विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. टीना शर्मा ने भी रागिनी को बधाई दी और कहा कि यह उपलब्ध‍ि विभाग और यूनिवर्सिटी—दोनों के लिए गर्व की बात है।

रागिनी ठाकुर की सफलता इस बात का प्रमाण है कि यदि इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी बाधा रास्ता नहीं रोक सकती। आज वह विशेष रूप से दिव्यांग वर्ग के छात्रों के लिए प्रेरणा बनकर सामने आई हैं, यह दर्शाते हुए कि कठिन परिस्थितियों में भी सपने हकीकत में बदले जा सकते हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक