फायर ब्रिगेड की 20 गाड़ियां भी नहीं पा सकी काबू, एक छोटे से रोबोट ने 30 मिनट में बुझाई आग

Spread the love

2018 में ऐसे दो रोबोट ऑर्डर किए गए थे. (फाइल फोटो)

राजधानी दिल्ली में पहली बार रोबोट की मदद से आग पर काबू पाया गया। ये आग दिल्ली के टीकरी कलां में स्थित पीवीसी मार्केट में लगी थी। बताया जा रहा है कि इसपर काबू नहीं पाया जा सका। बाद में विदेश से मंगाए गए रोबोट को इस काम में लगाया गया और महज आधे घंटे में ही आग पर काबू पा लिया गया।

इस रोबोट की खास बात ये है कि इसे रिमोट से कंट्रोल किया जा सकता है। ऐसे में अगर आग बुझाते समय कोई हादसा होता भी है तो उससे जान का नुकसान नहीं होता.इसे रिमोट कंट्रोल फायर फाइटिंग मशीन कहा जाता है। इसे ऑस्ट्रिया ने बनाया है। दिल्ली सरकार ने 2018 में इसका ऑर्डर दिया था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसकी डिलिवरी में देरी हो रही थी। इसी साल ये दिल्ली के फायर डिपार्टमेंट में शामिल हुआ है।दिल्ली सरकार ने ऐसे दो रोबोट ऑस्ट्रिया से ऑर्डर किए थे।

फायर ऑफिसर फिरोज खान ने हाल ही में बताया था कि जिन जगहों पर हमारा पहुंचना मुश्किल होता है, ऐसी जगहों पर ये जाकर आग बुझाने में मदद करता है। इस रोबोट को 30 मीटर दूर खड़े होकर रिमोट से ऑपरेट किया जा सकता है। 60 मीटर तक इसका जेट जाता है.इस मशीन की बनावट भी खास है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि अगर इसके सामने कुछ बॉक्स या कोई भी रोड़ा आता है, तो वो उसे उठाकर हटा सकता है। इस रोबोट फाइटिंग सिस्टम में टैंक की तरह पहिये बनाए गए हैं, जिससे ये सीढ़ी भी चढ़ सकता है। अगर किसी बड़ी बिल्डिंग में आग लगी है तो इसे ऊपर भी भेजा जा सकता है। फिरोज खान के मुताबिक, पानी के अलावा इससे फोम भी निकल सकता है। इसकी मदद केमिकल से लगी आग को बुझाने में ली जा सकती है। 

इस मशीन में 140 हॉर्स पॉवर की ताकत है और इसमें डीजल इंजन है। इसमें 60 लीटर तक डीजल भरा जा सकता है। ये 4.5 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलता है।  फायर ब्रिगेड की गाड़ियों में पानी के जो पाइप लगे होते हैं, उसे इस रोबोट में फिट किया जाता है। इस मशीन में वेंटिलेटर सिस्टम भी है, जिससे आग का धुंआ बाहर निकलता है।  

इस मशीन से एक मिनट में 2,400 लीटर पानी का छिड़काव हो सकता है। पानी का छिड़काव 60 मीटर तक होता है।  वहीं, जरूरत पड़ने पर इससे फोम का छिड़काव भी किया जा सकता है। फोम का छिड़काव 35 मीटर तक हो सकता है। इस रोबोट का इस्तेमाल दुनिया के कई देशों में होता है। 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक