जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (जेओए) आईटी परीक्षा के पेपर लीक मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है कि आंसर चिट परीक्षार्थी तक कैसे पहुंची। पुलिस के मुताबिक क्लर्क बलवंत परीक्षा केंद्र पहुंचा और परीक्षार्थी राकेश को बाहर आने का इशारा किया। राकेश ने तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर शौच जाने का आग्रह किया। इनवीजिलेटर (निरीक्षक) ने उसे एक कर्मचारी के साथ शौचालय जाने की इजाजत दे दी। जहां बलवंत ने आंसर चिट को राकेश को दे दिया। राकेश चिट को अंदर लेकर चला गया और नकल करने लगा, लेकिन उसे स्टाफ ने पकड़ लिया। चार दिन पहले लिखी स्क्रिप्ट के अनुसार शनिवार को ही एमएलएसएम कॉलेज परीक्षा केंद्र में क्लर्क बलवंत सिंह गांव बल्ह तहसील बंगाणा ने राकेश को सिटिंग प्लान की जानकारी दी।
रोलनंबर के आधार पर पेपर सीरीज का पता लगाया गया, जिसकी जानकारी नेरचौक परीक्षा केंद्र के उप अधीक्षक प्रो. गोपाल कुमार को दी गई। योजना के अनुसार गोपाल कुमार ने परीक्षा शुरू होने से पच्चीस मिनट पहले पेपर व्हाट्सएप के माध्यम से परीक्षार्थी राकेश कुमार को भेज दिया। राकेश कुमार ने यह पेपर बाहर अपने परिचित संजीव कुमार निवासी सलवाहन बल्ह और विवेक उर्फ विक्की निवासी रिंज मंडी को भेजे। तीनों जोगिंदर कुमार निवासी रिंज मंडी की मदद से गूगल सर्च कर उत्तर ढूंढने लगे। अन्य आरोपी अनित भी परीक्षा दे रहा था और राकेश का परिचित था। अनित ने पेपर देखकर कुछ आंसर गूगल से सर्च कर याद कर लिए थे और फिर सुंदरनगर के महावीर स्कूल में परीक्षा दी। राकेश भी परीक्षा देने चला गया। संजीव और विवेक ने गूूगल पर सर्च करने के बाद प्रश्नपत्र की आंसर-की चिट पर बनाई और क्लर्क बलवंत तक पहुंचाई।