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प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ था पुलिस भर्ती का पेपर, SIT को मिली बड़ी सफलता

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हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा के पेपर लीक मामले का मास्टर माइंड बिहार का रहने वाला अरविंद कुमार निकला। इस सारे प्रकरण की योजना अरविंद ने ही बनाई थी। पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने मुख्य आरोपी अरविंद समेत पांच आरोपियों को एक-दो दिन के भीतर गिरफ्तार किया है। सभी बिहार के रहने वाले हैं। डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि प्रिंटिंग प्रेस के अंशकालिक कामगार सुधीर यादव ने यह पेपर लीक कराया था। उसने यह पेपर बिहार निवासी दिल्ली में सिक्योरिटी गार्ड गोरे लाल के माध्यम से गौतम कुमार को दिया।

इन चारों आरोपियों के बीच सुबोध कुमार ने बिचौलिये की भूमिका निभाई। इसके बाद पेपर एजेंटों को वितरित किया गया। एजेंटों ने आगे अभ्यर्थियों को पेपर रटाने के लिए दिया। डीजीपी ने कहा कि मामले की कड़ियां जुड़ने लगी हैं, इससे अब जांच सही दिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद बन गई है। मंडी जिले में बनी पुलिस की एसआईटी ने पांचों आरोपियों को मंडी जिला कोर्ट में पेश किया, जहां से इन्हें 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। एसआईटी का मानना है कि इन पांचों ने ही प्रश्नपत्र लीक करवाने में मुख्य भूमिका निभाई। प्रिंटिंग प्रेस से सुधीर यादव ने यह पेपर मार्च में लीक किया था।

इस मामले में अब तक हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों से 121 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें 85 अभ्यर्थी, तीन अभ्यर्थियों के माता-पिता, हिमाचल के 18 और बाहरी राज्यों के 15 एजेंट शामिल हैं। मामले में बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और हिमाचल के गिरोह शामिल हैं। गौर हो कि कांस्टेबलों के 1, 334 पदों की भर्ती के लिए 27 मार्च को लिखित परीक्षा हुई थी। 5 अप्रैल को परिणाम घोषित हुआ। सबसे पहले अमर उजाला में पेपर लीक होने की खबर प्रकाशित होने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने परीक्षा रद्द कर दी थी। सीएम ने मामला सीबीआई को सौंपने की बात कही है।

रोहतक का भास्कर कोचिंग सेंटर ऊना पुलिस की जांच की जद में है। इसके अलावा जिला कांगड़ा के दो कोचिंग सेंटरों की भी जांच की जा रही है। पुलिस को सुबूत मिले हैं कि इन सेंटरों की भी मामले में संलिप्तता हो सकती है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक