प्रदेश में बारिश-ओलावृष्टि ने तबाह की फसलें
सूखे की चपेट में चल रहे हिमाचल को मौसम के रौद्र मिजाज ने किसानों -बागवानों की कमर तोड़ कर रख दी है। भारी ओलावृष्टि होने से राज्य के कई जिलों में सेब, स्टोन फ्रूट, मटर सहित गोभी की फसलों को भारी नुकसान पहुंचने की सूचना है। शिमला में तो ओलावृष्टि ने जमकर कहर बरपाया है। सेब के पौधों से सेब के दानों के साथ-साथ पतियां तक झड़ गई हैं। कई क्षेत्रों में पेड़ों की टहनियों व नेट के टूटने तक की सूचना है। प्रदेश में मंगलवार को दोपहर बाद जमकर बारिश हुई।
शिमला के सेब बेल्ट सहित मंडी में बारिश के साथ जमकर ओलावृष्टि हुई। शिमला में तो चंद ही मिनटों पर ओलावृष्टि से सफेद चादर बिछ गई। ओलावृष्टि व तूफान से सेब से लदेे पौधों को भारी नुकसान पहुंचा है। शिमला की ठियोग तहसील की भराडा, गड्डाकुफर सहित साथ लगते क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि हुई है। वहीं पौधों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
मंडी के कमरूनाग सहित अन्य कई स्थानों पर ओलावृष्टि होने की सूचना है। कुमानसैन में भी कई स्थानों पर ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंंचा है। हालांकि मैदानी इलाकों में सूखे की मार झेल रहे किसानों-बागवानों ने बारिश से काफी हद तक की राहत ली है। जिन क्षेत्रों में किसानों द्वारा गेहूं की कटाई कर दी गई है। वहां पर बारिश अगामी फसल की बिजाई के लिए लाभदायक माना जा रही है। मगर जिन क्षेत्रों में ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हो गई है।
उन क्षेत्रों में महंगाई के दौर में किसानों-बागवानों को साल भर का खर्च चलाने की चिंता सताने लगी है। प्रदेश में सूखे के चलते पहले ही करोड़ों की फसलें तबाह हो गई हैं। सूखे की मार झेल रहे लोगों को बारिश का इंतजार था। मगर आसमान से बरसी आफत ने किसानों बागवानों की कमर को तोड़ कर रख दिया है।
आज फिर से भारी बारिश व ओलावृष्टि का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र कीओर से प्रदेश में बुधवार को फिर भारी बारिश व ओलावृष्टि होने का अलर्ट जारी किया गया है। विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के तहत कई स्थानों पर तूफान के साथ बारिश व कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि फिर से कहर बरपा सकती है। राज्य में 5 व 6 मई को भी बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है।
चंबा में मूसलाधार बारिश एनएच पर मलबा
चंबा में भी मंगलवार को भारी बारिश हुई है। भारी बारिश होने के चलते कई स्थानों पर सूखे की कगार पर पहुंच चुके नाले उफान पर आ गए और पानी के साथ मलबा सड़कों पर आ गया। चंबा-पठानकोट एनएच पर चनेड नामक स्थान पानी सड़क पर आ गया। इससे इस मार्ग पर काफी समय तक वाहनों के पहिये थमे रहे।