पैकेजिंग, लेबलिंग, ब्रांडिंग और विपणन सुधार के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

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सोलन ज़िला की स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं के लिए उनके खाद्य उत्पादों और हस्तशिल्प की पैकेजिंग, लेबलिंग, ब्रांडिंग और विपणन मूल्य श्रृंखला में सुधार के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज यहां किया गया।  कार्यशाला की अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त सोलन ज़फ़र इकबाल ने की। ज़फ़र इकबाल ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य स्वंय सहायता समूहों की महिलाओं को उनके भोज्य और हस्तशिल्प उत्पादों की पैकेजिंग और मार्केटिंग के बारे में सही जानकारी प्रदान करना है। कार्यशाला को तीन चरणों में आयोजित किया गया। इसमें खाद्य, हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों की पैकेजिंग के लिए बुनियादी आवश्यकताएं और लेबल और लेबलिंग, पैकेजिंग डिजाइनिंग, परिवहन पैकेज का परीक्षण और गुणवत्ता मूल्यांकन शामिल है।

अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं अपनी आर्थिकी में आशातीत सुधार कर सकती है। इसके लिए महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों में बराबर की भागीदारी के साथ कार्य कर लाभ अर्जित करने की दिशा में आगे बढ़ना होगा। उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि आज प्रदान की जा रही जानकारी को समझे और इससे लाभान्वित हो।   कार्यशाला में भाग लेने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को उनके द्वारा बनाए गए खाद्य उत्पादों और हस्तशिल्प की पैकेजिंग, लेवलिंग, ब्रांडिंग और विपणन में सुधार के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें उचित पैकेजिंग और लेबलिंग के महत्व के बारे में भी बताया गया। इससे भविष्य में उनकी आर्थिकी को मजबूत और आय को दौगुना किया जा सकेगा। महिलाओं को विभिन्न पैकेजिंग सामग्रियों और डिजाइनों के बारे में भी सिखाया गया। इनका उपायोग निर्मित उत्पादों को बाजार में आकर्षक दिखाने में सहायक होगा।  इस अवसर पर आईआईपी दिल्ली से आए डाॅ. तनवीर आलम ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी। 

कार्यशाला का आयोजन भारतीय पैकेजिंग संस्थान (आईआईपी) दिल्ली और ज़िला ग्रामीण विकास अभिकरण सोलन (डीआरडीए) के सयंक्त तत्वाधान में मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव (एमएआई) योजना के तहत किया गया था।  इस अवसर पर ज़िला ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक रामेश्वर चैधरी, ज़िला सोलन के स्वंय सहायता समूहों के सदस्य, भारतीय पैकेजिंग संस्थान दिल्ली के ए.के. दत्ता, राहुल त्रिपुडे़ सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक