पृथ्वी-2 मिसाइल का टेस्ट सफल, जानिए क्या है इसकी खासियत

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भारत ने न्युक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 के रात में प्रयोग होने वाली प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. यह 350 किलोमीटर तक लक्ष्य भेदने में सक्षम है. पृथ्वी के 3 वैरियंट भारतीय सेना में शामिल हैं.

भारत ने न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 के रात में प्रयोग होने वाली प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. मिसाइल को ओडिशा के तट लॉन्च किया गया. पृथ्वी-2 के इस वर्जन को डीआरडीओ ने बनाया है. यह मिसाइल 350 किलोमीटर तक मारक क्षमता वाली है. पृथ्वी-2 देश में विकसित स्वदेशी मिसाइल है. यह अपने साथ हथियार ले जाने में भी सक्षम है.

पहले भी ओडिशा तट से सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण किया गया था. यह परीक्षण पिछले साल जनवरी में किया गया था. उस समय रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि कम दूरी की मारक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण किया गया है. पृथ्वी-2 मिसाइल भारत के परमाणु जखीरे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

पृथ्वी-2 मिसाइल की मारक क्षमता 350 किलोमीटर है. पृथ्वी-2 मिसाइल प्रणाली बेहद कामयाब मानी जाती है और यह बहुत उच्च स्तर की सटीकता के साथ निर्धारित लक्ष्य को भेदने में सक्षम होती है. सतह से सतह पर साढ़े 350 किलोमीटर मार करने में सक्षम है. पृथ्वी मिसाइल 2003 से सेना में है, जिसकी लंबाई नौ मीटर है.

भारत सरकार ने अच्छी रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों को बनाने के लिए 1983 में आईजीएमडी (Integrated Guided Missile Development Program)प्रोग्राम शुरू किया था, जिसके तहत ही पृथ्वी मिसाइल का विकास किया गया. इसके तीन वैरियंट हैं. पृथ्वी-1, पृथ्वी 2 और पृथ्वी 3. इनमें पृथ्वी 1 सिंगल-स्टेज तरल-ईंधन वाली बैलिस्टिक मिसाइल है. पृथ्वी मिसाइल के इस वर्जन को 1994 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था. इसकी मारक क्षमता 150 किमी है. पृथ्वी 2 एक सिंगल-स्टेज, तरल-ईंधन वाली मिसाइल है. इस मिसाइल की मारक क्षमता 350 किलोमीटर है. इस मिसाइल को 2003 में सेना में शामिल किया गया था. वहीं, पृथ्वी 3 दो चरणों वाली सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है. इसका पहला परीक्षण सन 2000 में किया गया था.

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक