पीएम मोदी बोले- देश में दो विचारधाराएं, विलंब की विचारधारा रखने वालों ने पहाड़ों पर रहने वालों की कभी परवाह नहीं की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश को 11,000 करोड़ रुपये की सौगात दी। पीएम ने 7,000 करोड़ की रेणुका बांध परियोजना और 1,800 करोड़ की 210 मेगावाट से अधिक की लुहरी स्टेज-1 पनबिजली परियोजना की आधारशिला रखी। 2,000 करोड़ रुपये की शिमला जिले में पब्बर नदी पर बनी 111 मेगावाट की सावड़ा कुड्डू पनबिजली परियोजना का लोकार्पण किया। पीएम मोदी ने 700 करोड़ रुपये से बनने वाली 66 मेगावाट की धौलासिद्ध पनबिजली परियोजना का शिलान्यास किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हिमाचल देश के सबसे महत्वपूर्ण फार्मा हब में से एक है। भारत को आज फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड कहा जाता है तो उसके पीछे हिमाचल की बहुत बड़ी ताकत है। कोरोनाकाल के दौरान हिमाचल ने न सिर्फ दूसरे राज्यों, बल्कि दूसरे देशों की भी मदद की है। आयुष इंडस्ट्री को भी हमारी सरकार बढ़ावा दे रही है। आज देश में सरकार चलाने के दो अलग-अलग मॉडल काम कर रहे हैं।
एक मॉडल है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास। वहीं दूसरा मॉडल है खुद का स्वार्थ, परिवार का स्वार्थ और विकास भी खुद का है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हिमाचल में पर्यटन और तीर्थाटन जुड़ रहे हैं। हिमाचल शिव और शक्ति का स्थान है। हिमाचल में तीन कैलाश हैं। बौद्ध आस्था यहां है। डबल इंजन की सरकार हिमाचल की ताकत को आगे बढ़ा रही है। मंडी में शिवधाम इसी ताकत का परिणाम है। प्रदेशवासियों को नववर्ष की बधाई देता हूं और प्रदेश इसी विकास की रफ्तार के साथ आगे बढ़ता रहे, यही मेरी कामना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 3 जनवरी से 15-18 आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण शुरू हो जाएगा। उम्मीद करता हूं कि हिमाचल इसमें भी बेहतर काम करेगा। 10 जनवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज दी जाएगी। देश में एक विचारधारा विलंब की है और दूसरी विकास की। विलंब की विचारधारा वालों ने पहाड़ों पर रहने वालों की कभी परवाह नहीं की। विलंब की विचारधारा वालों ने हिमाचल के लोगों को अटल टनल के लिए दशकों तक इंतजार करवाया। विलंब की विचारधारा वालों के कारण ही रेणुका परियोजना में तीन दशक लग गए।




केमिकल मुक्त कृषि उत्पाद आज डिमांड में है। प्राकृतिक खेती में हिमाचल अच्छा काम कर रहा है। हिमाचल के किसानों की तारीफ की। डेढ़ लाख से ज्यादा किसान केमिकल मुक्त प्राकृतिक खेती के रास्ते पर चल पड़े हैं। देश के किसानों को भी प्राकृतिक खेती करने का आग्रह किया। हिमाचल भारत का फार्मेसी हब है। कोरोनाकाल में हिमाचल ने दूसरे देशों की भी मदद की। 