पिकअप गाड़ी को मिल रहा वीआईपी ट्रीटमैंट आखिर कुछ तो खास बात होगी
वैसे तो वीआईपी कल्चर खत्म होने की बात कही जाती है। राजनेता से लेकर अफसरशाही कागजों में तो इन बातों के दम भरते है लेकिन हकीकत इससे दूर ही नजर आती है। चलो नेता को या अधिकारी को वीआईपी ट्रीटमैंट मिले समझ आता है लेकिन पिकअप गाड़ी मिले तो बात गले नहीं उतरती।
लेकिन ऐसा है जनाब महिंद्रा पिकअप गाड़ी कई दिनों से गेट के अंदर चैन लगी हुई ताकि कोई इसे छु भी न सके। ऐसे इंतजाम किया है बिजली विभाग ने। मुख्यमंत्री के उड़न खटौले के पास तो आप पहुंच सकते है पर यहां पर पहुंचना थोड़ा मुश्किल है। एक तो शहर से दूर दूसरा सरकारी रेस्ट हाउस। अगर यहां पर आप एक रात रुकना भी चाहते है तो मुमकिन ही नहीं कभी आपको एक कमरा मिल जाए। लेकिन एक यहां पिकअप है जनाब जो कई दिन से आराम फरमा रही है। बड़ी ही नसीबों वाली है ये पिकअप जिसे ये ट्रीटमैंट मिल रहा है। मुख्य द्वार बंद आगे चैन कुछ तो खास बात तो होगी इस गाड़ी में । जानकारी तो ऐसी है कि किसी अधिकारी के रिश्तेदार की गाड़ी है तभी तो शायद ये लज्जों रानी यहां इतने दिनों से खड़ी है।
शहर से दूर शांत जगह मे बना हुआ ये रेस्ट हाउस नेताओं की पहली पसंद है। पूरे दिन सर्किट में राजनीति करने वाले नेता भी गुप्त मत्रणा के लिए यहीं का रुख करते है। अब अगर इस गाड़ी ने भी यहां का रुख किया तो कुछ तो खास बात होगी वरना हम और आप कहां जैसे ही कहीं गाड़ी लगाई चालान की रसीद हाथ में। लेकिन जिनकी भी ये गाड़ी है
उनकी चलती जरूर है और वैसे भी जिसकी चलती उसकी क्या गलती



