पाकिस्तान के लिए जासूसी: सीमा पर सप्लाई होने वाले राशन की जानकारी लेते थे हैंडलर, आरोपियों के चौंकाने वाले खुलासे
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई हैंडलर हबीबुर्रमहान उर्फ हबीब और परमजीत से राजस्थान व अन्य बॉर्डर पर तैनात भारतीय जवानों की तैनात की बारे में जानकारी लेते थे। हैंडलर इन आरोपियों से बॉर्डरों पर सप्लाई होने वाली राशन-पानी की सप्लाई के बारे में जानकारी मांगते थे। इससे हैंडलर ये अंदाजा लगाते थे कि किस बॉर्डर पर कितनी भारतीय सेना तैनात है। जिस हिसाब से सेना या जवान तैनात हैं उसी हिसाब से राशन सप्लाई होता होगा। आरोपी पिछले दो वर्ष से गोपनीय दस्तावेज व सूचनाएं पाकिस्तानी हैंडलरों को दे रहे थे।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि परमजीत की तैनाती आगरा से पहले पोखरण में थी। वह पोखरण में सेना की सप्लाई यूनिट में तैनात था। ऐसे में उसे पता था कि किस बॉर्डर पर कितना राशन पानी सप्लाई होता है। हबीब सेना को राशन सप्लाई करता था। इस कारण उसकी परमजीत से दोस्ती थी। पाकिस्तान हैंडलर बाद में अन्य जानकारी मांगने लग गए थे कि कहां कितनी पोस्ट हैं और एक पोस्ट पर कितने तैनात रहते हैं। शुरूआती जांच में ये बात सामने आई है कि परमजीत अफसरों के कमरे में घुसकर गोपनीय दस्तावेज चुरा लेता था।

दोनों ही आरोपी व्हाट्सएप आदि के जरिए भी हैंडलर को गोपनीय जानकारी व दस्तावेज देते थे। पुलिस ने दोनों के मोबाइल व अन्य सामान जब्त कर लिया है। आरोपियों के कई बैंक खाते हैं। इनके सभी बैंक खातों में हवाला के जरिए रकम आती थी।
दिल्ली पुलिस ने सेना से पूछा है कि परमजीत के कितने बैंक खाते हैं और उसका सैलरी खाता कहां हैं। पुलिस ने आर्मी हेडक्वार्टर को चिट्ठी लिखकर आरोपियों के कब्जे से बरामद गोपनीय दस्तावेज व अन्य जानकारी लेने के लिए चिट्ठी लिखी है। अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि इस मामले में जल्द ही दिल्ली, यूपी व राजस्थान से और गिरफ्तारियां होंगी।

सीडी के जरिए भी गुप्त जानकारी दी थी
दिल्ली पुलिस की जांच में ये बात आ रही थी कि आरोपी व्हाट्सएप पर हैंडलर को गुप्त सूचना देते थे। ये बात भी जांच में सामने आई है कि आरोपियों ने सीडी के जरिए भी बहुत ही संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी हैंडलरों को दी थी। आरोपी वर्ष 2019 में पाकिस्तान गया था। हबीब को कई बार कैश में भी रकम दी गई थी।
वर्ष 2009 में पोखरण आया था हबीब
हाई स्कूल तक पढ़ाई करने वाला हबीबुर्रहमान ने कई जगहों पर काम किया था। वह वर्ष 2009 में बीकानेर से पोखरण आया था। पोखरण में इसने सेना में ठेके पर सब्जियां व फल सप्लाई करना शुरू किया। बाद में फल, सब्जी, आईसक्रीम व सामान सप्लाई करना शुरू कर दिया था। पाकिस्तान हैंडलर के कहने पर इसने परमजीत से दोस्ती की। परमजीत से ये गोपनीय दस्तावेज लेता था।

