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पहली बार दुबई के शेख चखेंगे हिमाचली सेब, दिल्ली से एयर कार्गो में भेजा जाएगा

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पहली बार दुबई के शेख चखेंगे हिमाचली सेब, दिल्ली से एयर कार्गो में भेजा जाएगा

कंपनी का दुबई में डिविजनल ऑफिस है। इस सीजन में कंपनी ने 10 हजार हॉफ बॉक्स दुबई निर्यात करने का लक्ष्य रखा है।

दुबई के शेख पहली बार हिमाचल के ताजे रसीले सेब का स्वाद चखेंगे। फरीदाबाद की लक्ष्मी एग्रो कंपनी शिमला के कोटखाई का सेब शारजाह, अबू धाबी और मस्कट निर्यात करेगी। कंपनी ने कोटखाई के बागवान का जेड वन किस्म का सेब बगीचे में ही 220 रुपये प्रति किलो के रेट पर खरीदा है। कंपनी ने 10 किलो के हॉफ बॉक्स की कीमत बागवान को 2200 रुपये चुकाई है। बागवान और कंपनी के बीच कुल 800 हॉफ बॉक्स का करार हुआ है।

कंपनी का दुबई में डिविजनल ऑफिस है। इस सीजन में कंपनी ने 10 हजार हॉफ बॉक्स दुबई निर्यात करने का लक्ष्य रखा है। कोटखाई की रामनगर पंचायत के थाना कनूखर के बागवान अनीश चौहान ने बताया कि कंपनी बगीचे से ही सेब उठाएगी। इसलिए पैकेजिंग और परिवहन का पूरा खर्च बच जाएगा। पिछले साल अप्रैल में बगीचे में जेड वन वैरायटी का सेब लगाया था।

इस साल सैंपल के तौर पर 43 हॉफ बॉक्स तैयार हुए हैं। किंग रॉट के 250 हॉफ बॉक्स, गाला वैरायटी के 100 हॉफ बॉक्स और स्कारलेट स्पर के 400 हॉफ बॉक्स की भी कंपनी के साथ डील हुई है। कंपनी के हिमाचल प्रभारी अवनीश चौहान ने बताया कि सिर्फ प्रीमियम क्वालिटी के सेब की खरीद की जा रही है। कंपनी मानकों के तहत सही आकार और रंग के सेब की ही खरीद करेगी।

लक्ष्मी एग्रो के प्रमोटर आशीष सांगेनेरिया ने बताया कि कोटखाई के सेब का आकार और रंग बेहतरीन है। इसकी क्वालिटी वॉशिंगटन के सेब को भी मात देती है। कोटखाई से सेब दिल्ली स्थित स्टोर पहुंचेगा। वहां सेब को 5 किलो सिंगल लेयर में पैक कर एयर कार्गो के जरिये दुबई भेजा जाएगा।

6 फीसदी कमीशन की भी होगी बचत
बगीचे में आकर सेब खरीदने से बागवान और खरीदार दोनों को फायदा है। मंडियों में आढ़ती 5 फीसदी कमीशन काटते हैं। एक फीसदी मार्केट फीस वसूली जाती है। विदेशों में भी सेब की खड़ी फ सल बगीचों से खरीदने का चलन है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक