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इंस्पेक्टर ने खोली पोल; पराला में 31 कमीशन एजेंट बिना कांटे के कर रहे कारोबार

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हिमाचल में डिपार्टमेंट ऑफ लीगल मेट्रोलॉजी (वेट एंड मीजर) की इंस्पेक्टर ने राज्य के मार्केटिंग बोर्ड और कृषि उपज विपणन समितियों (APMC) के उन दावों की पोल खोल दी है, जिसमें सरकारी उपक्रम एक महीने से दावा कर रहे है कि सभी आढ़तियों (कमीशन एजेंट) ने इलेक्ट्रानिक कांटे लगा दिए है। इंस्पेक्टर लीगल मेट्रोलॉजी पूजा मच्छान ने जब पराला फल मंडी का निरीक्षण किया तो पाया कि यहां 40 आढ़तियों में से 9 ने ही इलेक्ट्रिक कांटे लगा रखे हैं। कईयों के पास उनसे जुड़े दस्तावेज भी मौजूद नहीं थे। इसे देखते हुए इंस्पेक्टर ने आढ़तियों को दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए 2 दिन का अल्टीमेटम दिया है।

प्रदेश में सेब की फसल पहली बार किलो के हिसाब से बिक रही है। दो सप्ताह से मंडियों में सेब आ रहा है। बावजूद इसके 75 फीसदी आढ़तियों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक कांटे नहीं लगाना कई सवाल खड़े कर रहा है, क्योंकि बिना कांटों के सेब का वेट नहीं किया जा सकता है। संयुक्त किसान मंच के सह संयोजक संजय चौहान ने बताया कि बागवानों की लंबी लड़ाई के बाद सरकार ने सेब को किलो के हिसाब से बेचने का निर्णय जरूर लिया है, लेकिन अब तक कांटे नहीं लगना सरकार के इंतजामों की पोल खोल रहा है। उन्होंने कहा कि पराला में 31 आढ़ती बिना कांटे के ही काम कर रहे है।

जाहिर है कि वह सेब भी किलो के हिसाब से नहीं बेच पाएंगे। इसका नुकसान बागवानों को ही उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यही हाल अन्य मंडियों का भी है। उन्होंने प्रदेश सरकार से ऐसे आढ़तियों के खिलाफ कार्रवाई करने और सेब को किलो के हिसाब से बेचने के निर्णय का सख्ती से पालन करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि आढ़ती जानबूझकर किलो के हिसाब से सेब बेचने में रुचि नहीं दिखा रहे, ताकि पुरानी व्यवस्था पर लौटा जा सके। मार्केटिंग बोर्ड के MD हेमिस नेगी ने बताया कि आढ़तियों को इसे लेकर पहले ही इंस्ट्रक्शन दे रखी है। पराला मंडी में 10 कांटे बोर्ड ने ही लगा रखे है। सभी आढ़तियों को कांटे लगाने के दोबारा निर्देश दिए जाएंगे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक