पत्र बम मामले में रवींद्र रवि की बढ़ी मुश्किलें
भ्रष्टाचार के आरोपों वाले वायरल पत्र बम मामले ने भाजपा के पूर्व मंत्री रवींद्र सिंह रवि की मुश्किलें बढ़ा दी है। फॉरेंसिक साइंस प्रयोगशाला धर्मशाला से पुलिस को मिली रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि मनोज मसंद नाम के व्यक्ति ने रविंद्र रवि के कहने पर ही उस संदेश को वायरल किया था।
वहीं एसपी विमुक्त रंजन ने बताया कि अब रविंद्र रवि और मनोज दोनों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की जाएगी। इस मामले को लेकर रवि ने कहा कि पत्र मेरे कहने पर वायरल हुआ यह ढूंढने में पुलिस को 3 महीने लग गए। जबकि यह बात तो पुलिस उस समय भी कह सकती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस सरकार के दबाव में काम कर रही है। रवि ने कहा कि 3 महीने से मोबाइल पुलिस के पास था अब रिपोर्ट आई है पुलिस कार्रवाई करें। लेकिन जांच की दिशा यह होनी चाहिए कि की पत्र लिखा किसने और पोस्ट किसने किया । मोबाइल 3 महीने से पुलिस के पास था हमारे पास तो बाद में पहुंचा है । ऐसा लग रहा है कि पुलिस दबाव में काम कर रही है ।
गौरतलब है कि जांच के लिए पुलिस ने आरोपी मनोज मस्ताना और पूर्व मंत्री रविंद्र रवि के मोबाइल कब्जे में लिए थे। इन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था आप जांच रिपोर्ट उजागर कर दी गई है वही रिपोर्ट सामने आने के बाद भाजपा में सियासी भूचाल आने के कयास लगाए जा रहे हैं । माना जा रहा है कि रविंद्र रवि अब जयराम सरकार के खिलाफ मैदान में उतर सकते हैं। बता दे बीते 3 सितंबर को दिलबाग सिंह परमार कि शिकायत पर भवारना थाना में मनोज वसंत के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। इसमें आरोप लगाया गया था कि 30 अगस्त की रात को फेसबुक पर मनोज की प्रोफाइल में स्वास्थ्य मंत्री को ठेस पहुंचाने वाली सामग्री अपराधिक षड्यंत्र के तहत अपलोड की गई। पुलिस ने मनोज से पूछताछ की तो रविंद्र रवि के कहने पर ऐसा करने का दावा किया था।