पक्की सड़क को कच्चा बताया; सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगाया…..

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हिमाचल प्रदेश में पूर्व जयराम सरकार के कार्यकाल के दौरान वित्तीय गड़बड़ियां हुई हैं। NPS कर्मचारियों का शेयर केंद्र को पूरा जमा नहीं किया गया। जल शक्ति विभाग, PWD और एक्साइज डिपार्टमेंट के अफसरों की लापरवाही से सरकार को करोड़ों का चूना लगा। यह दावा भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में किया गया! PWD ने टेंडर आवंटन ठेकेदारों की सांठगांठ से किए। इससे ठेकेदारों को 38 लाख का अनुचित लाभ दिया गया। चंबा के ट्राइबल एरिया भरमौर में एक पक्की सड़क को कच्चा बताया गया। इससे सरकार को 55 लाख रुपए का नुकसान हुआ। ऐसा ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने वाली कंपनी को फायदा देने के लिए किया गया। रिपोर्ट में बताया गया कि भरमौर में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के लिए 5 किलोमीटर पक्की सड़क को कच्चा दर्शाया गया। पक्की सड़क के लिए 1,121 रुपए प्रति किलोमीटर और कच्ची सड़क के किनारे खुदाई के लिए 238 रुपए रेट निर्धारित है। इससे कम वसूली हो पाई।

शिमला के सैंज-चौपाल-नेरवा सड़क के 10 किलोमीटर के हिस्से को चौड़ा करने के लिए विभाग ने ठेकेदार को 86 फीसदी राशि का भुगतान काम पूरा होने से पहले ही किया। ऐसा करके ठेकेदार को अनुचित लाभ दिया गया। जल शक्ति विभाग की कार्यप्रणाली पर भी कैग ने सवाल खड़े किए हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि वर्ष 2016 से 2021 तक 2618.28 करोड़ की 1717 पेयजल योजनाओं को टेक्निकल फिजिबिलिटी देखे बगैर मंजूरी दी गई। पेयजल में क्लोरीन की मात्रा जांचने को 16.85 लाख से खरीदे गए 976 क्लोरो-स्कोप का इस्तेमाल ही नहीं किया गया। विभाग ने 22.83 करोड़ का 92,849 किलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर मियाद खत्म के 3 माह बाद फील्ड में दिया। 2019 से 2021 के बीच जिला प्रयोगशालाओं को 84,000 जल नमूनों की जांच करनी थी, लेकिन 56,238 नमूने जांचे गए। विभाग ने 16.85 लाख से 976 क्लोरोस्कोप खरीदे।

स्टेट के एक्साइज एंड टेक्सेशन डिपार्टमेंट में पंजीकृत शराब ठेकेदारों ने भी 2018-20 के दौरान कम शराब उठाई। इससे सरकार को 39 करोड़ रुपए की हानि हुई।  कांगड़ा, कुल्लू, सिरमौर, ऊना, हमीरपुर और मंडी जिला में 955 लाइसेंसधारियों ने निर्धारित कोटे से कम शराब उठाई।  इन सब मामलों में PWD और जल शक्ति विभाग के अफसरों के खिलाफ जांच की सिफारिश की है। सरकार को फिजूलखर्ची रोकने के लिए बोला गया है, जिस तरह सरकार पर कर्ज बढ़ रहा है, उससे हिमाचल आने वाले समय में बड़े आर्थिक संकट में दिख रहा है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक