चम्बाघाट से कैथलीघाट तक बन रहे फोरलेन निर्माण की गुणवत्ता की निगरानी करने वाली एक कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस कंपनी का एक क्वालिटी इंजीनियर पर पंजाब में धोखाधड़ी मामले में आरोपित है। इसकी तलाश में पंजाब पुलिस ने कंडाघाट में दबिश भी दी लेकिन आरोपित पहले ही नौकरी छोड़कर जा चुका था जिसके कारण पुलिस को खाली हाथ ही वापस लौटना पड़ा।
कंपनी के टीम लीडर ने कार्यालय में पंजाब पुलिस के दस्तक की पुष्टि तो की लेकिन मामला क्या है उन्हें पता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके कार्यालय में तैनात एक क्वालिटी इंजीनियर नौकरी छोड़कर जा चुका है।
बता दें कि चंबाघाट से कैथलीघाट तक के फोरलेन निर्माण का कार्य दिल्ली की एरिफ इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है लेकिन नैशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया ने एरिफ कंपनी के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांचने के लिए 2 अन्य कंपनियों को निगरानी का जिम्मा सौंपा है। इनमें से एक कंपनी के इंजीनियर की तलाश में पंजाब पुलिस कंडाघाट आई थी।
इस निजी कंपनियों में अलग-अलग श्रेणी का स्टाफ रखा गया है। कंपनी में एक ऐसे कर्मचारी की नियुक्ति भी हो गई थी जिस पर पंजाब में एक धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। इसके कारण कई सवाल खड़े हो गए हैं।
पंजाब पुलिस की टीम ने अभी हाल ही में निजी कंपनी के कार्यालय में दस्तक दी और छानबीन की। बताया जा रहा है कि कंपनी के इस कर्मचारी के ऊपर पंजाब पुलिस में धोखाधड़ी का आपराधिक मामला दर्ज है। पंजाब पुलिस की टीम उसे गिरफ्तार करने कंडाघाट पहुंची लेकिन उससे पहले ही वह नौकरी छोड़कर जा चुका था।
उधर, इस बारे में कंपनी के टीम लीडर से जब मोबाइल पर इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मामला क्या है उन्हें पता नहीं है लेकिन पंजाब पुलिस की टीम जरूर आई थी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके कार्यालय में तैनात एक क्वालिटी इंजीनियर नौकरी छोड़कर जा चुका है।
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