नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने फिर उठाये सरकार की नीयत पर सवाल
शिमला : पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने विमल नेगी मामले में प्रदेश सरकार की नीयत पर फिर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने शिमला में प्रेसवार्ता में कहा कि कांग्रेस सरकार इस मामले में पहले दिन से सीबीआई जांच के हक में थी ही नहीं। जब मृतक की पत्नी ने गुहार लगाई तो हाईकोर्ट ने सख्त आदेश दिये और जांच सीबीआई के हवाले हुई लेकिन इधर इनका एक एस.पी. रैंक का पुलिस अधिकारी इस मामले में खुद को सरकार से भी ऊपर मानते हुए माननीय हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से एल.पी.ए. फ़ाइल करने कोर्ट पहुंचा जबकि उनको सरकार ने इस पद से हटा दिया था। मुख्यमंत्री ने प्रेसवार्ता कर कहा था कि उनकी सरकार हाईकोर्ट के फैसले को फिर चुनौती नहीं देगी तो ये किसके इशारे पर काम कर रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने सवाल उठाया कि आखिर पुलिस का ये अधिकारी इतनी रूचि क्यों ले रहा है जो बहुत बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि उनके इस आचरण से ऐसा लग रहा है वो खुद को पुलिस महानिदेशक से भी ऊपर मानता है। जो न तो सरकार की सुनता है और न हाईकोर्ट की। ऐसे में मुझे लगता है कि इस एस.पी. को मुख्यमंत्री का ही आशीर्वाद है जिनके कहने पर ही ये ऐसा कर रहा है जबकि मुख्यमंत्री मीडिया में आकर झूठ बोल रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे सरकार ही ये व्यक्ति चला रहा है। उन्होंने कहा कि एक अन्य मामले में भी इसी पुलिस अधिकारी को फिर से हाईकोर्ट ने झूठा शपथपत्र देने के लिए लताड़ लगाई है जो इनके ईमानदारी का खुद को सर्टिफिकेट देने का सबसे बड़ा प्रमाण है कि कैसे ये अधिकारी बेलगाम है। जो न कोर्ट की मानता है और न सरकार के मुखिया की। उन्होंने सवाल उठाया कि जब प्रेसवार्ता कर इस अधिकारी ने अपने पूर्व के पुलिस महानिदेशक, मुख्य सचिव, वर्तमान पुलिस महानिदेशक, भाजपा नेताओं, धर्मशाला के विधायक और मेरे ऊपर कैसे कैसे झूठे मनगढंत आरोप लगाए तो क्यों मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ कारवाई नहीं की।