नीलू हाथ जोड़ कर बोला- मैं निर्दोष, मुझे सीबीआई ने फंसाया है, जाऊंगा हाईकोर्ट

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बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा मिलते ही दोषी नीलू के चेहरे का रंग उड़ गया। पुलिस जवानों के साथ अदालत से बाहर निकलते हुए नीलू ने हाथ जोड़कर बोला, मैं निर्दोष हूं। फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करूंगा। मुझे सीबीआई ने फंसाया है। मैं अपील करूंगा कि मुझे गलत फंसाया गया, मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। नीलू ने कहा कि किसने क्या किया मुझे कुछ नहीं पता, मैं उस दिन मौके पर था ही नहीं। 

गुड़िया मामले में दोषी नीलू

बचाव पक्ष हाईकोर्ट में करेगा फैसले के खिलाफ अपील

बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अदालत का फैसला आने के बाद कहा कि फैसले के खिलाफ वह उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। उनका कहना है कि मामले में अनिल कुमार के खिलाफ जांच एजेंसी ने सिर्फ परिस्थितिजनक साक्ष्यों के आधार सजा सुनाई है, जबकि दोषी के खिलाफ जांच एजेंसी उसके मौका-ए-वारदात पर मौजूदगी को लेकर कोई ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर पाई है। 


बता दें शिमला के चक्कर में शुक्रवार को सत्र एवं जिला न्यायाधीश राजीव भारद्वाज की विशेष अदालत ने दोषी करार अनिल कुमार उर्फ नीलू उर्फ कमलेश को नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या की धाराओं के तहत आजीवन आजीवन कारावास की सजा सुनाई। गौर हो कि 4 जुलाई, 2017 को दसवीं की छात्रा स्कूल से लौटते समय लापता हो गई थी और दो दिन बाद छात्रा का शव कोटखाई में तांदी के जंगल में नग्न अवस्था में मिला था।

मामले की जांच कर रही सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीट के तथ्यों को आधार मानते हुए अदालत ने दोषी को नाबालिग से दुष्कर्म के जुर्म में मरते दम तक आजीवन कारावास और हत्या मामले में आजीवन कारावास सहित 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना न भरने की सूरत में दोषी को एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोषी को शुक्रवार को विशेष अदालत में कड़ी सुरक्षा के बीच पेश किया गया। अदालत ने दोपहर करीब दो बजे दोषी को सजा सुनाई। 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक