निजी स्कूलों की फीस को लेकर स्थिति स्पष्ट करे सरकार
कांग्रेस ने शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से निजी स्कूलों की फीस को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है । कांग्रेसी नेताओं का आरोप है कि शिक्षा मंत्री व शिक्षा विभाग के अधिकारियों के आदेशों को लेकर विरोध विरोधाभास होने के चलते लोग असमंजस में हैं। जहां विभाग की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी की गई है जिसमें लॉक डाउन तक निजी स्कूलों से फीस ना लेने को कहा गया है वहीं कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्री ने निजी स्कूलों की फीस को लेकर समाचार पत्रों में एक बयान दिया है। इसके कारण अब आम लोगों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है वहीं निजी स्कूल प्रबंधक भी असमंजस में हैं कि उन्हें क्या करना है।
प्रैस को दिये बयान मे पूर्व महासचिव रोहित शर्मा ने कहा कि शिक्षा मन्त्री सुरेश भारद्वाज ने घोषणा की थी यदि निजी शिक्षण संस्थानों ने फीस मांगी तो उन पर कार्यवाही कर उन्हें जेल भेज दिया जाएगा परन्तु अब शिक्षामन्त्री के सुर बदले बदले से नज़र आ रहे हैं और अब उन्होंने फीस वसूलने के मामला संस्थानों के विवेक पर छोड़ दिया है। सरकार व निजी संस्थानों में कोई डील हो गयी है। कांग्रेस के नेता रोहित शर्मा ,अमन सेठी ,संजय भंडारी व गगन चौहान ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस विषय पर सरकार की स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। लॉकडाउन से प्रभावित सबसे ज़्यादा मध्यम वर्ग है और उस पर फीस ,लोन, बीमा की किश्त जैसे कई आर्थिक बोझ है ।सरकार को इस विषय मे जल्द से जल्द फैसला लेना कि आवश्यकता है। उन्होने कहा कि हिमाचल में ऐसा लग रहा सरकार व उसके मंत्रियों में कोई तालमेल नही है। पहले से ही लॉकडाउन की मार झेल रहे अभिवावकों को सरकार को कुछ तो राहत देनी होगी औऱ यही मुख्यमंत्री का धर्म भी है ।





कांग्रेस ने शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से निजी स्कूलों की फीस को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है । कांग्रेसी नेताओं का आरोप है कि शिक्षा मंत्री व शिक्षा विभाग के अधिकारियों के आदेशों को लेकर विरोध विरोधाभास होने के चलते लोग असमंजस में हैं। जहां विभाग की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी की गई है जिसमें लॉक डाउन तक निजी स्कूलों से फीस ना लेने को कहा गया है वहीं कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्री ने निजी स्कूलों की फीस को लेकर समाचार पत्रों में एक बयान दिया है। इसके कारण अब आम लोगों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है वहीं निजी स्कूल प्रबंधक भी असमंजस में हैं कि उन्हें क्या करना है।