निजी बस ऑपरेटरों को 168 रूटों पर चलानी होंगी बीएस-6 बसें

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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के दिशा-निर्देशों पर नई बसें बीएस-6 होना अनिवार्य किया गया है। हालांकि, यदि बस ऑपरेटर के पास 15 साल से कम पुरानी बस है तो उसे रूटों पर चलाया जा सकता है। प्रदेश सरकार ने इन रूटों पर 60:40 की शर्त भी हटा दी है। इस शर्त के तहत ऑपरेटरों को 60 फीसदी ग्रामीण और 40 फीसदी शहरी क्षेत्र में बसों का संचालन अनिवार्य किया गया था।अधिक संख्या में बस ऑपरेटर रूटों के लिए आवेदन करें, इसके लिए यह शर्त हटाई गई है। उधर, गड़बड़ी की शिकायत के बाद परिवहन विभाग ने सूची एचआरटीसी को लौटाकर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों के साथ रूटों की छानबीन कर नए सिरे से रूटों की लिस्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।

रूटों पर चलने वाली नई बस बीएस-6 होना जरूरी : नरेश
एचआरटीसी की ओर से सरेंडर किए गए 168 रूटों पर निजी बस ऑपरेटरों को बीएस-6 बसें चलानी होंगी। हालांकि, अगर किसी ऑपरेटर के पास कोई पुरानी बस है, जो 15 साल से पुरानी नहीं है, उसे भी चलाया जा सकता है। रूटों की सूची में खामियों के चलते इसे एचआरटीसी को रेफर बैक किया गया है। – नरेश ठाकुर, सहायक आयुक्त, परिवहन विभाग

एचआरटीसी ने 11 डिपो के रूट किए हैं सरेंडर
घाटे का हवाला देकर एचआरटीसी ने 11 डिपो के रूट सरेंडर किए हैं। इनमें शिमला में 37 रूट, रामपुर में 9, मंडी में 37, सोलन में 10, सिरमौर 4, हमीरपुर में 6, बिलासपुर में 10, ऊना में 8, नालागढ़ में 7, धर्मशाला में 32 और कुल्लू डिपो के 8 रूट शामिल हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक