नालागढ़ में तिकोना मुकाबला, देहरा और हमीरपुर में नए समीकरण
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के लिए दिग्गज बिसात बिछा रहे हैं। चुनाव प्रचार जोर पकड़ने लगा है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर के चुनावी रण में उतरने से देहरा में ही दोनों राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा का खास फोकस है। हमीरपुर और नालागढ़ में प्रत्याशियों में टक्कर रोचक हो गई है। नालागढ़ में मुकाबला तिकोना लग रहा है, क्योंकि स्व. पूर्व विधायक हरिनारायण सैणी के भतीजे हरप्रीत सिंह ने कांग्रेस और भाजपा के सियासी समीकरण उलझा दिए हैं। देहरा में कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश ठाकुर भाजपा के होशियार सिंह के सामने चुनौती पेश की है। हमीरपुर में भाजपा उम्मीदवार आशीष शर्मा व कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा में कड़ा संघर्ष है।उपचुनावों के लिए विधानसभा की तीनों सीटों से 13 प्रत्याशी दमखम दिखा रहे हैं। मुख्य मुकाबला दो सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच माना जा रहा है तो नालागढ़ में तस्वीर तिकोनी हो गई है। कुछ निर्दलीय भी ताल ठोक रहे हैं। देहरा और नालागढ़ में पांच-पांच व हमीरपुर में तीन प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के अलावा नालागढ़ में तीसरी स्वाभिमानी पार्टी भी चुनाव लड़ रही है। बाकी निर्दलीय प्रत्याशी हैं।
देहरा में मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा का सवाल तो भाजपा का भी फोकस
देहरा सीट मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है, क्योंकि उनकी पत्नी चुनाव मैदान में हैं। सुक्खू अगर यह सीट जीत जाते हैं तो वह कई विरोधियों के मुंह बंद कर देंगे। इसीलिए कांग्रेस यहां पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही है। यहां भाजपा और कांग्रेस के दोनों ही प्रत्याशी राजपूत हैं। इस हलके में राजपूत करीब 42 फीसदी, ओबीसी 32, अनुसूचित जाति 14 और ब्राह्मण 12 प्रतिशत हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने पूर्व प्रत्याशी डॉ. राजेश शर्मा को मना लिया है तो कांग्रेस अंदरूनी काट न होने से आश्वस्त है। निर्दलीय से भाजपा प्रत्याशी बने होशियार सिंह के खिलाफ भितरघात को रोकना यहां भाजपा की बड़ी चुनौती होगा।
हमीरपुर में जातीय फैक्टर को साधने के लिए मेहनत कर रहे दोनों दल
हमीरपुर हलके में जातीय फैक्टर साधने में दोनों ही दल जुटे हैं। आशीष शर्मा के समर्थक यहां ब्राह्मणों का ध्रुवीकरण करना चाह रहे हैं। हमीरपुर से कांग्रेस में अब किसी ब्राह्मण नेता के न होने का तर्क दे रहे हैं। दूसरी ओर डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा राजपूतों को अपने पक्ष में करने पर ध्यान दे रहे हैं। यहां दोनों ही जातियों की जनसंख्या करीब 65 फीसदी है। इनमें ब्राह्मण और राजपूतों की प्रतिशतता बराबर-बराबर ही है। अनुसूचित जाति यहां करीब 25 फीसदी और ओबीसी सात प्रतिशत हैं तो इन वर्गों को साधने पर भी ध्यान है। सुक्खू का गृह जिला होने के कारण कांग्रेस इस फैक्टर को भी भुना रही है। भाजपा प्रत्याशी के पास यहां से सीएम होने के बावजूद हमीरपुर की अनदेखी का मुद्दा है।
नालागढ़ में भाजपा को धरतीपुत्र के नारे, कांग्रेस को भाजपा की गुटबाजी से उम्मीद
नालागढ़ में हरिनारायण सैणी के भतीजे हरप्रीत ने कांग्रेस और भाजपा के सामने कड़ी चुनौती पेश की है। हरिनारायण का यह परंपरागत गढ़ रहा है। यहां पर भाजपा का टिकट लेने वाले निर्दलीय केएल ठाकुर के सामने इंटक के प्रदेशाध्यक्ष रहे हरदीप सिंह बावा हैं। भाजपा ने यहां पर लखविंद्र राणा को टिकट न देने के बाद मनाने का संदेश जरूर दिया है, पर हरप्रीत ने मुकाबला तिकोना बना दिया है। हरदीप पर पिछले चुनाव में भी धरतीपुत्र न होने का भाजपा का उठाया मुद्दा भारी पड़ा था, मगर इस बार उनके समर्थकों की एक उम्मीद भाजपा का भितरघात और गुटबाजी है।