नशे पर चोट के लिए पुलिस ने बढ़ाए हाथ, यूथ ब्रिगेड का भी मिलेगा साथ
हिमाचल प्रदेश पुलिस युवाओं में तेजी से फैल रहे चिट्टा के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए राज्यव्यापी जनजागरण अभियान, नशा छोड़ो, जीवन जोड़ो शुरू करने जा रहा है। अभियान का शुभारंभ 15 नवंबर को शिमला के रिज मैदान से होगा। इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू करेंगे। सुबह 11 बजे रिज मैदान से विधानसभा होते हुए जागरूकता रैली चौड़ा मैदान तक होगी। रैली में मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायक, अधिकारी, स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थी और स्वयंसेवी संगठन भी भाग लेंगे। पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी ने बताया कि वर्ष 2024-25 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत 1,300 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, इनमें अधिकांश चिट्टे से संबंधित हैं। पुलिस ने तस्करों की गिरफ्तारी, नेटवर्क तोड़ने और जन-जागरूकता फैलाने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है। कांगड़ा, ऊना, सोलन और मंडी जिले में युवाओं में नशे की प्रवृत्ति अधिक पाई गई है। पिछले वर्ष के मुकाबले प्रदेश में चिट्टे के मामलों में 9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पड़ोसी राज्यों से अंतरराज्यीय तस्करी मार्ग, बेरोजगारी और सामाजिक दबाव, कम दाम पर आसान उपलब्धता तथा सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार के कारण प्रदेश में चिट्टा बड़ी समस्या बनी है।शिमला, कांगड़ा, ऊना, सोलन और मंडी जिले के युवाओं में नशे की प्रवृत्ति अधिक देखी जा रही है। राज्य में नशे की रोकथाम के लिए एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धाराओं 21, 22, 27 और 29 में कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है। चिट्टा की छोटी मात्रा रखने पर भी एक वर्ष तक की सजा या 10,000 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है, जबकि अधिक मात्रा पर 10 से 20 वर्ष तक की सजा और 2 लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है। पुलिस महानिदेशक ने अपील की है कि किसी भी नशा-संबंधी गतिविधि की सूचना तुरंत नजदीकी थाने या हेल्पलाइन पर दें।
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