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धरने पर बैठे दृष्टिहीन संघ की हमदर्द बनी टैक्सी यूनियन

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हिमाचल प्रदेश के दृष्टिहीन संघ ने अपनी मांगों को लेकर सचिवालय के बाहर चक्का जाम कर प्रदर्शन किया, जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई थी। इस घटना में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण बनी। लेकिन शुक्रवार को, जब दृष्टिहीन संघ धरने पर डटा रहा, तब मानवता की एक नई मिसाल भी देखने को मिली।एक यूनियन ने दूसरे यूनियन के दर्द को समझकर प्रदर्शनकारियों की सहायता की। जय मां दुर्गा टैक्सी यूनियन ने इस संकट में आगे बढ़कर भूखे धरने पर बैठे दृष्टिहीन संघ के सदस्यों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की। यूनियन के अध्यक्ष जोगिंदर ठाकुर, नरेश और वाइस प्रेसिडेंट सुरेंद्र के नेतृत्व में, उन्होंने सामूहिक प्रयासों से धरने पर बैठे लोगों के लिए रात का भोजन का प्रबंध किया। टैक्सी यूनियन का यह कदम न केवल दूसरी यूनियन भाइयों के प्रति सहानुभूति दर्शाता है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का भी परिचायक है।

 यूनियन ने महिलाओं की सुरक्षा और आराम का विशेष ध्यान रखा। उन्होंने चार गाड़ियों की व्यवस्था की, ताकि महिलाएं रात में सुरक्षित रूप से ओल्ड बस स्टैंड तक पहुंच सकें। इसके अलावा, उन्होंने शुक्रवार सुबह के नाश्ते और चाय की व्यवस्था भी की, जिससे प्रदर्शनकारियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। शुक्रवार रात के भोजन की भी व्यवस्था की जाएगी, जो उनकी स्थिति को सहज बनाने में मदद करेगा।

    उधर सिमरन वेलफेयर फाउंडेशन सोसाइटी के निदेशक नरेश ने कहा कि ऐसे समय में जब दृष्टिहीन संघ अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, यूनियन का यह कर्तव्य बनता है कि वे उनकी हरसंभव सहायता करें। यह सिर्फ एक संगठनात्मक सहयोग नहीं, बल्कि मानवता और सहयोग की भावना का प्रतीक है।

 

    इस प्रकार, जय मां दुर्गा टैक्सी यूनियन ने न केवल दृष्टिहीन संघ के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाई, बल्कि समाज में सहयोग और एकता की एक नई मिसाल भी पेश की। टैक्सी यूनियन की इस पहल ने यह साबित कर दिया कि जब एक यूनियन दूसरे यूनियन के दर्द को समझती है, तो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता बढ़ जाती है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक