देश हित में कुछ महीने जेल में भी रहना पड़े तो परवाह नहीं-सिसोदिया

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दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शराब नीति मामले में पूछताछ के लिए CBI ऑफिस निकल गए हैं। वे अपने समर्थकों के साथ अपनी कार से जांच एजेंसी की ऑफिस के लिए रवाना हुए। इस दौरान पार्टी समर्थकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सिसोदिया ने कहा कि देश हित में कुछ महीने जेल में भी रहना पड़े तो परवाह नहीं है।

सिसोदिया को 11 बजे दिल्ली की लोधी रोड पर CBI के हेडक्वॉर्टर पहुंचना है। इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘आज सिसोदिया को पूछताछ के लिए CBI हेडक्वॉर्टर बुलाया गया है। मुझे सूत्रों से जानकारी मिली है कि सिसोदिया को अरेस्ट किया जा सकता है। ये बेहद निराशाजनक है।‘

CBI दफ्तर पहुंचने से पहले उन्होंने लोगों के नाम संदेश में कहा, ‘जब मैं टीवी चैनल में था। अच्छी सैलरी थी, एंकर था। अच्छी जिंदगी चल रही थी। सब छोड़कर केजरीवाल जी के साथ आ गया। झुग्गी-झोपड़ी में काम करने लगा। आज जब ये मुझे जेल भेज रहे हैं तो मेरी पत्नी घर पर अकेली रहेगी। वो बहुत बीमार रहती है। बेटा यूनिवर्सिटी में पढ़ता है। आपको ध्यान रखना है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘आपसे कहना चाहता हूं कि स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों से मुझे प्यार है। ये मत समझना कि शिक्षा मंत्री मनीष चाचा जेल चले गए तो छुट्टी हो गई। छुट्टी नहीं होने वाली। उतनी मेहनत करना जितनी मुझे उम्मीद है। मन लगाकर पढ़ना। अच्छे से पास होना। अगर पता चला कि हमारे बच्चों ने लापरवाही की तो मुझे खराब लगेगा। अगर मुझे पता चलेगा तो मैं खाना छोड़ दूंगा।’

पूछताछ के लिए निकलने से पहले सिसोदिया ने कहा- आज फिर CBI ऑफिस जा रहा हूं, सारी जांच में पूरा सहयोग करूंगा। लाखों बच्चों का प्यार व करोड़ों देशवासियों का आशीर्वाद साथ है। कुछ महीने जेल में भी रहना पड़े तो परवाह नहीं। भगत सिंह के अनुयायी हैं, देश के लिए भगत सिंह फांसी पर चढ़ गए थे। ऐसे झूठे आरोपों की वजह से जेल जाना तो छोटी सी चीज है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक