शिमला में जेल भरो आंदोलन के तहत केन्द्र सरकार के दबाव में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बिना जांच एट्रोसिटी एक्ट को लागू करने और आरक्षण के विरोध में देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने शिमला में प्रदर्शन किया और ट्रैफिक पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की। पुलिस ने सचिवालय के बाहर ही गिरफ्तारियां दे दी। संगठन के अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने बताया कि देश मे जाति के आधार पर आरक्षण के बजाय आर्थिक आधार पर आरक्षण हो। क्योंकि जातिगत आधार पर आरक्षण से जरूरतमंदों को कुछ नहीं मिल रहा है जबकि सम्पन्न लोग ही इसका लाभ उठा रहे हैं।उन्होंने कहा कि एससी एसटी एक्ट में जो प्रावधान किए हैं उनके तहत यदि कोई व्यक्ति झूठा मुकदमा भी दे देता है तो 24 घंटे के अन्दर गिरफ़्तारी जरूरी हो जाती है। ऐसे में इस एक्ट के तहत 85 फीसदी मामले झूठे बनाएं जाते हैं। जिसमें छह माह तक कैद हो जाती है। सरकार को चाहिए कि इस एक्ट में संशोधन किया जाए ताकि झूठे मुक़दमे करने वालों के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई हो सके।
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