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दूरदराज के स्वास्थ्य संस्थानों में इस माह के अंत तक होगी 200 नए डॉक्टरों की नियुक्ति

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हिमाचल प्रदेश के दूरदराज के स्वास्थ्य संस्थानों में जुलाई माह के अंत तक 200 नए डाक्टरों की नियुक्तियां कर दी जाएगी। स्टेशन मिलने के बाद इन डाक्टरों की दूसरे स्टेशन में 3 साल पूरे होने के बाद ही ट्रांसफर की जाएगी, जिससे दूरदराज के क्षेत्र की जनता को अस्पतालों में डाक्टरों की कमी से न जूझना पड़े। यह जानकारी मंडी के सुंदरनगर में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान स्वास्थ्यम मंत्री धनीराम शांडिल ने दी।

शांडिल ने कहा कि प्रदेश के बहुत से अस्पतालों में डाक्टरों की कमी है, जिनमें दूरदराज के अस्पतालों की संख्या अधिक है। इसी माह के अंत में 200 डॉक्टरों की नियुक्ति इन अस्पतालों में कर दी जाएगी। इसके अलावा 200 और डॉक्टरों की मांग उनके द्वारा की गई है।

उन्होंने कहा कि उन्हें शिकायतें मिल रही हैं कि दूरदराज के क्षेत्रों में कुछ दिन तक डॉक्टर अपनी सेवाएं देते हैं और उसके बाद जुगाड़ लगाकार शहर में अपनी ट्रांसफर करवा लेते हैं। इसलिए उन्होंने निर्णय लिया है कि एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन के लिए तीन साल के बाद ही ट्रांसफर की जाएगी। इस निर्णय के बाद दूरदराज के क्षेत्रों के लोगों को इलाज के हर बार शहर की ओर दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।

      स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने बताया कि छोटे कस्बों और दूरस्थ इलाकों में चल रहे स्वास्थ्य संस्थानों में डायलिसिस की सुविधा प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पहल शुरू की है। जिसके तहत 47 जगहों पर डायलिसिस की मशीन स्थापित की जा चुकी हैं। इसके अलावा और भी स्वास्थ्य संस्थानों को चिह्नित किया जा रहा है जो छोटे-छोटे कस्बों और दूरदराज के इलाकों में बेहतर सुविधाएं प्रदान कर रहें है। शांडिल ने कहा कि विभाग के पास फंड भी पहुंच चुका है और जल्द ही चिन्हित क्षेत्रों में डायलिसिस मशीनें स्थापित कर दी जाएंगी।

     वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने मंडी जिला में आपदा के दौरान सराज के दुर्गम इलाकों में खच्चरों और पोर्टर के माध्यम से राहत सामग्री पहुंचाने वाले पोर्टरों को सम्मानित करने की भी बात कही। शांडिल ने कहा कि इस आपदा के दौर में सभी संपर्क टूटने के बाद जहां हेलीकॉप्टर के माध्यम से भी पहुंच पाना संभव नहीं था, वहां 14 खच्चरों और 25 पोर्टर ने राहत सामग्री पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की 24 टीमें घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने के साथ स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान कर रही हैं।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक