दीवारों पर उकेरा 1958 से अब तक का सफर, 19 लाख में सजी टनल
हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) के मुख्यालय और शिमला के पुराने बस अड्डा की टनल का जीर्णोद्धार कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है। अब इस टनल से गुजरने वाले वाहन चालक और यात्री एचआरटीसी के गौरवशाली इतिहास की एक झलक देखने को मिलेगी। इस सौंदर्यीकरण में एचआरटीसी के इतिहास को चित्रित किया गया है, जिसमें 1958 की पहली बस से लेकर आजकल की इलेक्ट्रिक एचआरटीसी बस तक की पेंटिंग्स शामिल हैं। यह कार्य एचआरटीसी के इतिहास को दर्शाने वाला पहला प्रयास है, जो टनल की दीवारों पर उकेरा गया है।
सौंदर्यीकरण की विशेषताएं
इस परियोजना का डिज़ाइन हिम चटर्जी ने तैयार किया, जबकि जबकि टनल में सौंदर्यीकरण का कार्य ऊना सुनील कुमार सूरी ने किया है। टनल में विभिन्न एचआरटीसी बसों के मॉडल्स को पेंट किया गया है, जैसे 1958 की कुल्लू-मनाली बस मॉडल, 1974 की बस, 2004 में आई वॉल्वो बस, 2008 की वॉल्वो बस, 2016 की इलेक्ट्रिक बस मॉडल और एक सामान्य एचआरटीसी बस का मॉडल पेंटिंग के माध्यम से बनाया गया है।
इस सौंदर्यीकरण कार्य के लिए 19 लाख 28 हजार 796 रुपए का बजट आवंटित किया गया जोकि सुनील कुमार सुरी को मिला। 15 नवंबर 2024 को इस परियोजना का कार्य प्रारंभ हुआ और 10 जनवरी 2025 को यह पूरी तरह से सम्पन्न हो गया। सुनील सुरी ने बताया कि इस दौरान उच्च गुणवत्ता वाले रंगों का इस्तेमाल किया गया है, जोकि 7 से 10 वर्षों तक प्रभावी रहेंगे। इस टनल में काम करना चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि यह एक व्यस्त मार्ग है, लेकिन रात के समय अधिकतर काम पूरा किया गया।