दिसंबर तक पंडोह से कुल्लू फोरलेन होगा शुरू, टकोली में लगेगा टोल

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पंडोह से कुल्लू फोरलेन

सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण चंडीगढ़-मनाली मार्ग पर दिसंबर से पंडोह से कुल्लू तक फोरलेन पर सफर शुरू हो जाएगा। इससे जहां वाहन चालकों के लिए आना-जाना सुगम होगा, वहीं टकोली में बने नए टोल प्लाजा पर टोल भी देना पड़ेगा। 75 से 150 रुपये तक टोल लगने से इस रूट पर सफर महंगा होगा। हालांकि स्थानीय लोगों ने अभी से टोल का विरोध करना शुरू कर दिया है। लोग चाहते हैं कि उनसे टोल न वसूला जाए। अभी मनाली के डोडूनाला में टोल देना पड़ता है। फोरलेन शुरू होने के बाद दो जगह टोल देना पड़ेगा। चंडीगढ़ से मनाली तक के फोरलेन निर्माण का सबसे चुनौतीपूर्ण पंडोह से औट तक का करीब 25 किमी हिस्सा दिसंबर में यातायात के लिए तैयार हो जाएगा। मंडी से औट तक 10 टनल बन रही हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) हणोगी से आगे पांच में से तैयार हो चुकीं तीन टनल खोलने जा रहा है। औट के समीप फ्लाईओवर भी लगभग तैयार है। औट से कुल्लू तक का 30 किमी फोरलेन का हिस्सा भी तैयार है। यहां वाहन सरपट दौड़ रहे हैं। दिसंबर में पंडोह से औट तक का निर्माण पूरा हो जाता है तो वर्तमान में पंडोह से कुल्लू तक 55 किमी का सबसे खराब सफर आने वाले दिनों में आरामदेह होगा। कुल्लू से आगे मनाली तक पहले ही सड़क चकाचक है। इस फोरलेन के निर्माण पर लगभग 7,000 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। चंडीगढ़-मनाली पहले चरण का निर्माण कार्य किरतपुर से नेरचौक तक चल रहा है और दूसरा चरण नेरचौक से कुल्लू तक चल रहा है। चंडीगढ़ से किरतपुर तक पहले से ही फोरलेन है। टकोली में स्थापित होने वाले टोल के विरोध में फोरलेन संघर्ष समिति के अध्यक्ष बृजेश महंत ने सरकार से मांग की है कि स्थानीय लोगों को यहां फ्री पास की सुविधा दी जाए। गौर हो कि मंडी-कुल्लू के बीच रोजाना करीब 20,000 वाहनों की आवाजाही होती है।

पंडोह से औट तक फोरलेन का हिस्सा दिसंबर में पूरा हो जाएगा। हणोगी से टकोली तक पांच टनल में से तीन टनल यातायात के लिए शुरू की जाएंगी। इनमें दो डबल टनल हैं और एक सिंगल। वहीं नेरचौक से लेकर पंडोह तक के फोरलेन का काम जून 2023 तक पूरा हो जाएगा।  मंडी से लेकर औट टनल तक काम चुनौतीपूर्ण है। 10 टनलों का कार्य बड़ी चुनौती है। औट के पास पहले से तीन किमी लंबी टनल हैं। कुल्लू-मनाली का सारा ट्रैफिक इसी टनल से गुजरता है। फोरलेन के लिए इसके समानांतर 2.9 किमी की एक और टनल बनाई गई है। अधिकांश टनल के निर्माण पूरे हो चुके हैं। वहीं ब्यास के किनारे पहाड़ों की कटिंग भी चुनौतीपूर्ण है। फोरलेन बनने से चंडीगढ़ से मनाली की दूरी लगभग 60 किमी कम होगी। इससे दो घंटे की बचत होगी। चंडीगढ़ से मनाली तक दूरी वर्तमान में लगभग 320 किमी है। यह कम होकर लगभग 260 किमी रह जाएगी। अभी नौ घंटे लगते हैं। फोरलेन बनने के बाद सात घंटों में पहुंच सकेंगे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक