हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर में एक बार फिर से तेंदुएकी दहशत देखने को मिली है। यहां पर घर के आंगन से एक पांच साल के बच्चे को तेंदुआ उठा कर ले गया है। यह घटना शिमला शहर के पुराने बस अड्डे के नीचे लालपानी की है। दीवाली के दिन देर रात बच्चा जब घर के आंगन में फुलझड़ी जला रहा था तो तेंदुआ उसको उठा कर ले गया है। बच्चे के बारे में शुक्रवार सुबह भी पता नहीं चल पाया है। हालांकि पास ही जंगल में बच्चे की खून से सनी पेंट मिली है। वहीं, पुलिस घटना के बाद मौके पर पहुंची थी। स्थानीय पार्षद के बाद शिमला के डीएफओ ने घटना की पुष्टि की है।
जानकारी के अनुसार, हिमाचल के सोलन जिले के अर्की के चंडी कश्लोग का यह परिवार बीते 25 साल से शिमला के ओल्ड बस स्टेंड के नीच डाउनटेल में रहता है। यहां पर देर रात बच्चा जब आंगन में फुलझड़ी जला रहा था तो तेंदुए ने हमला कर दिया। बच्चे का परिवार पुजारी है। बच्चे की मां ने बताया कि वह किचन में थी। इस दौरान बच्चा अंदर से फुलझड़ी जलाकर बाहर आया और बाद में उसका कुछ पता नहीं चला। काफी तलाश की पर कुछ पता नहीं चला है। शिमला के डीएफओ ने बताया कि मौके पर वन विभाग की टीम बच्चे की तलाश कर रही है। खून से सनी हुई एक पेंट मिली है। सीसीटीवी और पिंजरा लगाया गया है । बच्चे की जल्द ही तलाश कर ली जाएगी।
स्थानीय पार्षद ने बताया कि दिवाली की रात को करीब 8 बजे उन्हें यह सूचना मिली थी कि तेंदुआ एक पांच साल के बच्चे योगराज को उठा ले गया है। उन्होंने कहा कि अभी पता नहीं चला है कि तेंदुए ने ही हमला किया था या कोई और जानवर था। उन्होंने कहा कि रात को 11 बजे उन्होंने पुलिस को घटना की सूचना दी थी। वहीं, वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची हुई है।
बता दें कि इससे पहले भी शिमला के कनलोग में छह अगस्त को एक आठ साल की बच्ची को तेंदुआ घर से उठा कर ले गया था। बच्ची के शरीर के टुकड़े जंगल से बरामद हुए थे। बाद में वन विभाग ने यहां पर पिंजरा भी लगाया था, लेकिन तेंदुआ पकड़ में नहीं आया था। अब फिर से तेंदुए ने बच्चे को शिकार बनाया है। ऐसे में लोगों में तेंदुए को लेकर दहशत है।
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