दिल्ली-एनसीआर में 30 नवंबर तक पटाखे फोड़ने और बेचने पर बैन

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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसके चलते नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बड़ा फैसला लिया है। एनजीटी ने सोमवार को अपना आदेश सुनाते हुए दिल्ली-एनसीआर में 30 नवंबर तक पटाखों के चलाने पर रोक लगा दी। इसके साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि बाकी राज्यों में जहां एयर क्वालिटी खराब या खतरनाक स्तर पर है, वहां भी पटाखों को चलाने पर बैन होगा। एनजीटी ने आगे कहा कि दिवाली, छठ, नए साल और क्रिसमस की पूर्व संध्या के दौरान पटाखे के इस्तेमाल और फोड़ने की समय सीमा दो घंटे तक ही सीमित है।

सीपीसीबी के मुताबिक, दिल्ली के आनंद विहार इलाके में वायु गुणवत्ता स्तर (Air Quality Index) 484, पश्चिमी दिल्ली के मुंडका इलाके में 470 पहुंच गया है। इसके साथ ही ओखला फेज-2 में AQI 465 तो वजीरपुर में 468 तक पहुंच गया है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, दीपावली से पहले हालात और भी खराब होने की आंशका है। विशेषज्ञों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता स्तर में इजाफे की वजह केवल पराली जलाने के साथ-साथ स्थानीय कारक भी जिम्मेदार बताए जा रहे हैं।

दरअसल पटाखों को बैन करने के संबंध में एनजीटी ने देश के 18 राज्यों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था, जिसमें लगभग आधे राज्यों ने खुद ही पटाखों पर बैन लगा दिया है, लेकिन उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों ने अभी भी इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया है। बता दें कि 0 और 50 के बीच AQI को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।

Anju

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