तीन सौ कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर लगाएगा HPU

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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से करीब तीन सौ कर्मचारियों को चुनाव की ड्यूटी पर लगाया गया है। अधिकतर विभागों में चुनावी कर्मचारियों की रिहर्सल भी शुरू हो गई है। कर्मचारियों की चुनावी ड्यूटी लगने से विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखाओं में चल रहे परीक्षा परिणाम तैयार करने का कार्य प्रभावित हो सकता है। इन दिनों विवि में पीजी कोर्स के लिए एंट्रेंस एग्जाम की तैयारियां चल रही हैं। मई में ये प्रवेश परीक्षाएं होनी है। ऐसे में एग्जाम की तैयारियों के लिए एचपीयू के पास पर्याप्त स्टाफ नहीं होगा। इसके साथ ही यूजी की परीक्षाएं भी 25 अप्रैल के आस-पास खत्म होनी है। ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती समय पर रिजल्ट निकालने की है। हर बार छात्रों का रिजल्ट लेट हो जाता है। एचपीयू में एक कर्मचारी का काम चार कर्मचारियों के सिर पर है। एक पेपर को चैक करने से लेकर मूल्यांकन करने का काम शिक्षकों के भरोसे है। यानी पूरे कॉलेजों की बात की जाए तो 10 छात्रों पर एक शिक्षक हैं। ऐसे में दो से तीन महीनों में सभी शैक्षणिक कार्य भी पूरे किए जाने हैं। इसमें शिक्षक और गैर शिक्षक दोनों ही तरह का स्टाफ शामिल है। परीक्षा शाखा में मई और जून दो महीने पीक के हैं। इन दो महीनों में सबसे ज्यादा परीक्षा विंग में काम रहता है। ऐसे में अब चुनाव डयूटी में कर्मचारी जाएंगे तो इससे पूरा कामकाज प्रभावित होगा।


इसी बीच हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के गैर-शिक्षक कर्मचारियों की संयुक्त समन्वय समिति (JCC) ने विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की चुनावी ड्यूटी लगाए जाने पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया है।

जेसीसी के पदाधिकारियों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से लगातार मतदाता पंजीकरण, मतदाता सूची की दुरुस्ती सहित चुनावी ड्यूटी के लिए विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की सेवाएं ली जा रही हैं जिससे विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों व शाखाओं में कार्य के निष्पादन में काफी दिक्कतें आ रही हैं। इससे कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त भार भी पड़ रहा है।

महासंघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर सहित अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि चुनावी ड्यूटी पर जाने से विश्वविद्यालय के कामकाज पर असर पड़ेगा। जेसीसी की मांग है कि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की चुनावी ड्यूटी निरस्त की जाए। एचपीयू की परीक्षा शाखा की ओर से वीसी को लिखित में दिया गया है कि कम से कम कर्मचारियों की चुनाव में डयूटी लगाई जाए और परीक्षा शाखा से तो कर्मचारी बिल्कुल न भेजे जाए।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक