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तरौर के नगालनी नाला के श्मशान घाट में एक साथ जली चार चिताएं…दूल्हे ने दी मुखाग्नि

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खुशियों से भरी बारात उस वक्त मातम में बदल गई जब गोहर उपमंडल के तरौर गांव से सराज क्षेत्र के भाटकीधार गई एक बारात वापसी के दौरान दर्दनाक हादसे का शिकार हो गई। पंडोह डैम के पास हुई इस दुर्घटना में दूल्हे शेर सिंह के बड़े भाई, भाभी, मासूम भतीजी, नेपाल मूल की एक महिला सहित पांच की मौत हो गई। हादसा इतना भयावह था कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। रविवार को तरौर के नगालनी नाला शमशान घाट पर चारों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस भावुक क्षण में दूल्हे शेर सिंह ने स्वयं अपने परिजनों को मुखाग्नि दी, जिससे माहौल अत्यंत गमगीन हो गया।

कैसे हुआ हादसा … 
घटना शनिवार दोपहर बाद की है जब शेर सिंह की बारात दुल्हन को लेकर वापस लौट रही थी। परिवार की एक कार, जिसमें दूल्हे के बड़े भाई दूनी चंद (40), भाभी कांता देवी (35), उनकी मासूम बेटी किंजल (11 माह) और नेपाल निवासी मीना देवी (32) सवार थीं, पहले ही रवाना हो गई थी।

बताया जा रहा है कि दूनी चंद बारात के स्वागत की तैयारी के लिए पहले निकल गए थे। लेकिन पंडोह-बाखली सड़क पर उनकी कार अनियंत्रित होकर करीब 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरी।

 

स्थानीय लोगों और पुलिस की तत्परता
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए। पुलिस और प्रशासन की टीमें भी मौके पर पहुंचीं। हादसा डैम के पास खुले स्थान पर हुआ था, जिससे कार पानी में नहीं गिरी, लेकिन इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी थी कि शवों को निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। कश्ती के माध्यम से शवों को सड़क तक पहुंचाया गया और पोस्टमार्टम के लिए जोनल अस्पताल मंडी भेजा गया।

  मृतकों की पहचान दूनी चंद (40), पुत्र रमेश चंद, निवासी तड़ाई, तहसील चच्योट, कांता देवी (35), पत्नी दूनी चंद, किंजल (11 माह), पुत्री दूनी चंद मीना देवी (32), पुत्री अमर सिंह, निवासी नेपाल दाहलु राम, पुत्र थलिया राम, निवासी गांव नौण के रूप में हुई है। थाना सदर के प्रभारी देश राम ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि दुर्घटना संबंधी मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।

मातम में बदला जश्न….
जिस घर में कुछ ही घंटे पहले विवाह की खुशियां मनाई जा रही थीं, वहां अचानक चार अर्थियां उठ गईं। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। दूल्हा शेर सिंह स्वयं अपने भाई, भाभी, भतीजी और रिश्तेदार को अग्नि देने के दौरान फफक पड़ा। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने नम आंखों से चारों को विदाई दी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक