डेढ़ साल से टल रही कांस्टेबल भर्ती, युवाओं की बढ़ीं मुश्किले

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पिछले डेढ़ साल से टल रही हिमाचल प्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती की वजह से हजारों युवाओं के लिए रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। पिछले साल बजट की घोषणा के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांस्टेबल के एक हजार पद भरने का एलान कर दिया, लेकिन इसके बाद कोविड संक्रमण के चलते लॉकडाउन लग गया। सितंबर के बाद हालात साल के अंत तक हालात सुधरे तो पुलिस महकमे ने सरकार से भर्ती को लेकर पत्राचार शुरू किया।

पत्राचार इतनी बार और इतने लंबे समय तक चला कि मार्च के बाद प्रदेश में कोरोना की दूरी लहर ने दस्तक दे दी। नतीजा यह हुआ कि अब अगले दो तीन महीने तक भर्ती होने की संभावना नहीं लग रही। इसकी वजह से हजारों की संख्या में युवा भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने से वंचित रह जाएंगे। ऐसा इसलिए है कि भर्ती में देर होने से बड़ी संख्या में युवाओं की उम्र निर्धारित मानदंड को पार कर रही है। इसमें ऐसे युवा भी है, जो लंबे समय से भर्ती के लिए तैयारी तक कर रहे थे।

ऐसे में युवा भर्ती में देरी के लिए कोरोना से ज्यादा पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों को दोषी ठहरा रहे हैं। सोशल मीडिया पर युवाओं का आरोप है कि पुलिस मुख्यालय अगर भर्ती से पहले ही औपचारिकताओं को लॉकडाउन के दौरान पूरा कर लेता तो दूसरी लहर आने से पहले सेना की ही तरह पुलिस भर्ती भी हो जाती। लेकिन दूरदर्शिता की कमी की वजह से उन्हें मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। उधर, पुलिस मुख्यालय का सारा ध्यान भी कोविड के चलते लगाए गए निर्देशों का पालन कराने पर है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक