तेजी से फ़ैल रही डेंगू की बीमारी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है। कोर्ट ने यूपी सरकार व सभी जिलों के डीएम के लिए दिशा निर्देश जारी किये हैं। कोर्ट ने डेंगू के मामलों की मानीटरिंग करते हुए बीमारी की रोकथाम व बचाव के लिए एहतियाती कदम उठाए जाने के साथ ही पीड़ितों को बेहतर इलाज मुहैया कराए जाने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। साथ ही हाईकोर्ट के वकील के बेटे की डेंगू की बीमारी से हुई मौत के मामले में पीड़ित परिवार को पचीस लाख रूपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में डायलिसिस यूनिट के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जाए। यह भी कहा है कि डेंगू से बचाव के लिए स्थापित स्पेशल हॉस्पिटल और ब्लड सिपरेशन यूनिट को पूरी तरीके से क्रियाशील रखा जाए ताकि डेंगू के मरीजों को इलाज में किसी प्रकार की परेशानी ना होने पाए। बता दे अधिवक्ता बीपी मिश्रा के युवा पुत्र की 2016 में डेंगू से मौत हो गई थी। उन्होंने इलाज में लापरवाही बरतने की शिकायत करते हुए मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था। इस पत्र को अदालत ने जनहित याचिका के तौर पर स्वीकार करते हुए सुनवाई शुरू की।
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