डबल इंजन सरकार की हिमाचल प्रदेश को बड़ी सौगात, वित मंत्रालय ने 1300 करोड़ रूपये के “एचपी शिवा“ प्रोजेकट को दी मंजूरी 15000 बागवान परिवार होंगे लाभान्वित

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हिमाचल प्रदेश के सात जिलों हमीरपुर, कांगड़ा, मण्डी, सोलन, ऊना, सिरमौर बिलासपुर के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने 13 सौ करोड़ रूपये के उपोष्ण कटिबंधीय बागवानी सिंचाई एवं मूल्यवर्धन (एचपी शिवा) परियोजना मंजूर की है। एशियाई विकास बैंक इस परियोजना के लिए 1036 करोड़ रूपये की वित्तय सहायता प्रदान करेगा, शेष राशि प्रदेश सरकार द्वारा खर्च की जाएगी। सात जिलों के 28 विकास खंडों में लगभग 6 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में यह प्रयोजना लागू कि जाएगी।किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एंव चेयरमैन राज्य विपणन बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से सात जिलों में संतरा, अमरूद, अनारा, लीची, जापानी फल, आम आदि फलों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। यह परियोजना 2022-23 से 2027-28 तक चलेगी, इस परियोजना के तहत 15 हजार से अधिक किसान/बागवान परिवार लाभान्वित होंगे। इस प्रोजेक्ट के तहत 1 करोड़ फलदार पौधे रोपित किए जाएंगे जिससे की पर्यावरण संरक्षण और किसानों की आमदनी बढ़ाई जाएगी।

किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एंव चेयरमैन राज्य विपणन बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि पायलेट प्रोजेकट के तहत प्रदेश के 4 जिलों हमीरपुर, कांगड़ा, मण्डी, बिलासपुर के 17 कल्सटरों में 200 हेक्टेयर क्षेत्र पर संतरा, अमरूद, लीची, और अनार का उच्च घनत्व पौधारोपण किया गया था जिसके परिणाम सफल रहे हैं।किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एंव चेयरमैन राज्य विपणन बोर्ड के अध्यक्ष ने इस पायलेट प्रोजेक्ट को पोषित करने के लिए प्रधान मंत्री मोदी और केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का धन्यवाद किया, साथ ही कहा कि डबल इंजन सरकार के संयुक्त प्रयासो से हिमाचल प्रदेश शिखर की ओर अग्रसर हो रहा है।उन्होंने कहा कि “एचपी शिवा“ परियोजना का मुख्य उद्देश्य बागवानों को स्थायी आजीविका के अवसर प्रदान करना है ताकि इन क्षेत्रों से युवा आबादी का प्लायन शहरों की तरफ ना हो। बागवानी को सुदृढ़ करने के लिए “एचपी शिवा“ प्रोजेक्ट लोगों के लिए फायदे का सौदा साबित होगा। मुख्य परियोजना के प्रथम चरण में 975 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस परियोजना के पहले चरण में सात जिलों में हजारों हेक्टेयर भूमि पर फलदार पौधों को लगाया जाएगा।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक

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