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झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले टोंग लेन स्कूल के बच्चों का सपना हुआ साकार

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने एक बार फिर अपने संवेदनशील व्यक्तित्व का परिचय दिया है। धर्मशाला के सराह क्षेत्र स्थित टोंग लेन स्कूल में अध्ययनरत झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले 160 बच्चों को आज भारत एवं दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए 20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच को देखने का अवसर मिला। यह अवसर मुख्यमंत्री द्वारा अपने हालिया धर्मशाला दौरे के दौरान इन बच्चों से किए गए वायदे के अनुरूप प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री के इस अत्यंत भावनात्मक प्रयास ने इन बच्चों के चेहरों पर बड़ी मुस्कान ला दी। सीमित संसाधनों में जीवन यापन करने वाले इन बच्चों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच को स्टेडियम में बैठकर देखना किसी सपने के साकार होने जैसा था। मैच के दौरान बच्चों में उत्साह, उमंग और खुशी साफ झलक रही थी।


बच्चों ने एक स्वर में मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने पहली बार इस तरह का बड़ा आयोजन नजदीक से देखा है, जिसे वे जीवनभर याद रखेंगे। विद्यालय प्रबंधन एवं अभिभावकों ने भी मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की पहल समाज के वंचित वर्ग के बच्चों में आत्मविश्वास जगेेेेेेाने और उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।
उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब टोंग लेन स्कूल के बच्चे हिमाचल प्रदेश क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट मैच देखने आये हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में धर्मशाला में आयोजित शीतकालीन सत्र के दौरान सुबह की सैर के समय टोंग लेन संस्था के होस्टल का दौरा किया था और वहां बच्चों से बातचीत के दौरान उन्होंने उन्हें क्रिकेट मैच दिखाने का वायदा किया था। अब मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह वायदा पूरा हुआ है।
धर्मशाला और आसपास की झुग्गियों में बाहरी राज्यों से आए मजदूर परिवार रहते हैं जो दिहाड़ी मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। इन बच्चों को विभिन्न विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे बच्चे अब टोंग लेन में शिक्षा हासिल कर अपना भविष्य संवार रहे हैं और इनके सपनों को मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने पंख लगा दिए हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक