झारखंड से जिला सोलन में मेहनत मजदूरी करने पहुंचे एक युवा के दांतों में गजब की ताकत है, जिसे देख स्थानीय लोग भी दांतों तले अंगुली दबाने को विवश हो जाते है। झारखंड के जिला गुमला के गांव मोकरा के 22 वर्षीय युवा रामजय 50 किलोग्राम का सीमेंट का बैग आसानी से अपने दांतों से उठाते हैं। युवक की इस प्रतिभा को देखकर स्थानीय लोक भी उसकी प्रशंसा कर रहे है।
जिला सोलन के उपमण्डल कसौली के तहत पढ़ने वाली ग्राम पंचायत गांगुड़ी के अंतर्गत आने वाले गांव खजरेट में बृजलाल ठेकेदार के पास झारखंड का रामजय मजदूरी करता है। रामजय सीमेंट से भरी बोरी को दांतों से एक ही झटके में यूं उठा लेता है, जैसे उसके लिए ये सीमेंट की बोरी न होकर हल्का फुल्का कोई लिफाफा हो। रामजय की इस प्रतिभा को देख कर हर कोई हैरत में पड़ जाता है, कि दांतों में भी इतनी ताकत है।
22 वर्षीय रामजय से जब इस बारे में बात की गई तो उसने बताया कि बचपन की शरारत में ही उन्होंने यह हूनर सीखा है। पहले घर पर जो बैग में एक-दो किलो सामान बाजार से आता था, वह हाथ लगाए बिना दांतों से उठाकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचा देता था। थोड़ा बड़ा हुआ तो दस किलोग्राम वजनी आटे की थैली को वह अपने दांतों से उठाने लगा। इसके पश्चात थोड़ा भार अधिक करता गया और अब वह सीमेंट की बोरी को भी आसानी से उठा सकता है।
भले ही इस उपभोगितावादी संस्कृति में दांतों को मजबूत करने के लिए तरह-तरह के विज्ञापन बने हैं, लेकिन इस युवक के दांतों की मजबूती सभी को हैरान कर देती है। यहां रोचक बात यह है कि पचास किलो की सीमेंट की बोरी उठाने वाला युवक रामजय ने अपने गांव में कभी पेस्ट और ब्रश कभी यूज नहीं किया। वह दातुन से ही अपने दांत को मजबूती प्रदान करता है। रामजय ने बताया कि वह गांव में हमेशा करंज की दातुन का इस्तेमाल ही करता है।
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