जेसीसी बैठक शुरू, कर्मचारियों के लिए होंगे बड़े फैसले
हिमाचल प्रदेश के ढाई लाख कर्मचारियों के लंबित मसले सुलझाने के लिए पीटरहॉफ शिमला में संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में छह साल बाद जेसीसी बैठक हो रही है। बैठक में मुख्य सचिव, सभी सचिव और विभागाध्यक्ष सहित हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी मौजूद हैं।
बैठक में करीब 62 लंबित मांगों के ज्ञापन पर चर्चा हो रही है। हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के नेताओं ने कहा कि पूर्व शांता सरकार ने कर्मचारियों की समस्याओं को समझा और जेसीसी का मंच देकर समस्याओं का समाधान किया गया। महासंघ अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सरकार ने कर्मचारियो़ं के मसले सुलझाने का आश्वासन ही नहीं दिया अपितु उनको सुलझाया भी गया। पूर्व कांग्रेस शासनकाल में कर्मचारियों का उत्पीड़न किया गया।
महासंघ ने छठे वेतन आयोग के तहत सरकारी कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान और भत्ते देने की मांग प्रमुखता से की है। कर्मचारियों का अनुबंध कार्यकाल घटाकर दो साल करने के मामले पर भी सरकार फैसला ले सकती है। अनुबंध कर्मचारी लंबे समय से यह मांग सरकार से उठा रहे हैं। अनुबंध कार्यकाल को भी वरिष्ठता सूची बनाने में गिना जाए।
ये भी हैं कर्मचारियों की मांगें
1. कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली।
2. पदोन्नति के लिए अनुबंध अवधि को भी गिना जाए।
3. सीए भत्ते में 50 फीसदी वृद्धि हो।
4. सुपरिंटेंडेंट ग्रेड एक को पदोन्नति के लिए एकमुश्त छूट दें।
5. सुपरिंटेंडेंट ग्रेड एक को अनुभाग अधिकारी बनाया जाए।
6. करुणामूल्क नौकरी देने को प्राथमिकता देना।
7. भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में संशोधन के दौरान महासंघ को विश्वास में लें।
8. आवास आवंटन के समय विभागों की कमेटियों में महासंघ को प्रतिनिधित्व दें।
9. कर्मचारियों की मांगों पर लिए फैसलों की जानकारी महासंघ को दी जाए।
10. ग्रेड पे 3200 से बढ़ाकर 4800 रुपये की जाए।