पुराने उपायुक्त कार्यालय भवन के मुख्य द्वार पर लगे महिला पुलिस थाना के बोर्ड को लेकर विवाद हो गया है। जिला पैंशनर्ज एसोसिएशन सोलन ने उपायुक्त सोलन से मिलकर इस बोर्ड को हटाकर `अपना घर` का बोर्ड पुन: लगाने की मांग की है। `अपना घर` से इस भवन का नामकरण प्रशासन ने ही किया था और वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस भवन में मंजिल का आवंटन हुआ था।
यही नहीं वर्ष 2017 में तत्कालीन गवर्नर आचार्य देवव्रत ने अपना घर का उद्घाटन किया था और वरिष्ठ नागरिकों के लिए शहर के बीच में ऐसे स्थान उपलब्ध करवाने के लिए प्रशासन की पीठ थपथपाई थी। इस भवन नामकरण ही अपना घर के नाम से हो गया था।
भवन के मुख्य गेट पर `अपना घर` के नाम पर एक बोर्ड भी लगाया गया था। इस भवन में वरिष्ठ नागरिकों के अलावा एक मंजिल में पुस्तकालय भी है।
वर्ष 2018 में इसी भवन की निचली मंजिल में जहां पर पहले एस.पी. कार्यालय होता वहां पर महिला पुलिस थाना खुल गया। यहां तक सब कुछ ठीक ठाक था। जैसे ही मुख्य गेट पर `अपना घर` का बोर्ड हटाकर महिला पुलिस थाना का बोर्ड लगा दिया। हालांकि इस बोर्ड को लगाए हुए काफी समय हो गया लेकिन अब जिला पैंशनर्ज एसोसिएशन ने इसका विरोध शुरू कर दिया है।
एसोसिएशन का कहना है कि यह भवन जिला प्रशासन का है। पुलिस विभाग जिला प्रशासन की बिना अनुमति के इस बोर्ड को नहीं हटा सकती।
यहां पर विदित रहे कि अगस्त 2017 में उपायुक्त व एस.पी. कार्यालय नए भवन में शिफट हो गया था। पुराने उपायुक्त कार्यालय की धरातल मंजिल जहां वरिष्ठ नागरिकों के लिए आवंटित किया गया। वहीं इसकी एक मंजिल पर पुस्तकालय भी बनाया गया।
एस.पी. कार्यालय और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की मंजिल इन दोनों विभागों के पास ही रही। इस मामले को लेकर जिला सोलन पैैंशनर्ज एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल जिला अध्यक्ष जयदेव शर्मा की अध्यक्षता में डी.सी. सोलन के.सी. चमन से मिला। इस प्रतिनिधिमंडल में सुंदर सिंह ठाकुर, आर.एस. ठाकुर, रमेश पराशर व जे.सी. बंसल शामिल थे।
पुराने उपायुक्त कार्यालय के भवन में `अपना घर` का बोर्ड दोबारा से स्थापित होना चाहिए। उपायुक्त कार्यालय के यहां से शिफट होने के बाद से ही इस भवन का नामकरण अपना घर के नाम से हुआ है। इसकी पहचान को नहीं मिटाया जाना चाहिए। वर्तमान में अपना घर का बोर्ड हटाकर महिला पुलिस थाना का बोर्ड लगा दिया है, जो गलत है। डी.सी. सोलन ने प्रतिनिधिमंडल को इसकी पुरानी पहचान लौटाने का आश्वासन दिया है।
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