राजगढ़ शहर के खैरी रोड़ पर मंगलवार की सुबह तीन गऊएं मृत अवस्था में पाई गई । वेटनरी चिकित्सक डॉ0 मंचलि वर्मा ने मौके पर मृत गऊओं की जांच करने के उपरांत बताया कि गऊओं की मौत किसी जहरीला पदार्थ खाने से हुई है । उन्होने बताया कि राजगढ़ शहर में कई दिनों से विचरन कर रही 5 निराश्रित गऊओं में से तीन की मौत हुई है जबकि दो अन्य गऊओं को हरिओम गौशाला यशवंतनगर भिजवा दिया गया है । बता दें कि माननीय हाई कोर्ट द्वारा सभी पंचायतों और शहरी निकायों को निराश्रित पशुओं को आश्रय देने के लिए कड़े आदेश दिए है परंतु शहर में लावारिस घूम रहे पशुओं के लिए नगर पंचायत राजगढ़ द्वारा आज तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है जोकि अदालत के आदेशों की सरासर अवहेलना है ।
डॉ0 मंचलि वर्मा का कहना है कि प्रथम दृष्टया से ऐसा प्रतीत हो रहा है कोरोना वायरस के खौफ से लोग सोडियम हाइपोक्लोराइड की स्प्रे दुकान व घरों में कर रहे हैं और दुकान अथवा घरों में रखी सब्जियों व अन्य खाद्य पदार्थों पर दवा का छिड़काव होने से इन्हें सड़क पर फैंक दिया गया हो जिसे गाएं द्वारा खाए जाने पर इनकी मौत हो गई है । युवान फाऊंडेशन तथा स्थानीय युवाओं द्वारा जेसीबी और पिकअप लाकर गऊओं को धरोटी के समीप दफना दिया गया ताकि गऊओं के मृत शरीर खाने से गीद्ध, कुत्ते इत्यादि जानवरों की मौत न हो । गऊओं को दफनाने के लिए जमीन कोठिया जाजर की प्रधान सरिता ठाकुर ने दी । इस कार्य में युवान फाऊंडेशन के पदाधिकारी विकल्प ठाकुर, नवीन शर्मा ,पवन तोमर सहित अनेक युवाओं को भरपूर योगदान रहा है ।
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