जयराम कर रहे दोगली राजनीति से लोगों की आवाज दबाने की कोशिश :विक्रमादित्य सिंह

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पूर्व सीएम जयराम ठाकुर मंडी के रक्षक नहीं भक्षक हैं। यह बात प्रदेश पीडब्ल्यूडी मंत्री एवं मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह अपने मंडी जिला के दौरे के दौरान सुंदरनगर में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर ने मंडी जिला में दोगली राजनीति कर रहे हैं और लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की दोहरी राजनीति को कांग्रेस सहन करने वाली नहीं है।   विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जयराम ठाकुर प्रदेश सरकार पर युवाओं को नौकरियां नहीं देने के आरोप लगाते हैं। विक्रमादित्य सिंह ने खुले मंच से नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व सीएम जयराम ठाकुर को चुनौती देते हुए कहा कि भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत से डिबेट करने का कोई फायदा नहीं है। लेकिन वे जयराम ठाकुर के साथ ओपन डिबेट करने के लिए तैयार हैं। प्रदेश सरकार बीते 15 महीने में शिक्षा, जल शक्ति, वन सहित अन्य विभागों में रिकार्ड 22 हजार नौकरियां युवाओं को दी हैं।

वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जयराम ठाकुर में दम नहीं था और पीएम मोदी को सिर्फ शॉल और टोपी पहनाकर तथा नमस्कार कर वापिस लौट आते थे। उनमें दम था और केंद्र से पैसा लाना भी एक कला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सीएम के सहयोग से केंद्र के साथ तालमेल बनाकर पैसा लेकर आए। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुख्खू बार-बार प्रदेश को आपदा के समय मिलने वाले पैसे की बात करते हैं।

 हिमाचल प्रदेश को आपदा प्रभावित राज्य केंद्र सरकार ने घोषित नहीं किया। लेकिन मंडी के लिए बड़ी-बड़ी बातें करने वाले जयराम ठाकुर केंद्र सरकार से प्रदेश के लिए विशेष पैकेज नहीं ला पाए। अगर विशेष पैकेज का 12 हजार करोड़ रुपए सूबे को मिलता तो इसका फायदा मंडी जिला के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों को होना था। लेकिन इसमें सबसा बड़ा अडंगा जयराम ठाकुर ने अड़ाया है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक