जम्मू-कश्मीर में आतंकी घुसपैठ-साजिश मामले में NIA की छापेमारी, 9 ठिकानों पर कार्रवाई जारी
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने आज जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ और साजिश मामले में एक साथ 9 जगहों पर छापेमारी की है. पिछले कुछ समय से लगातार जम्मू कश्मीर क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां देखने को मिल रही हैं. यही कारण है कि आज इस छापेमारी को अंजाम दिया गया.जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने आज एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की है. आंतकवाद से जुड़ी गतिविधियों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस छापेमारी कार्रवाई को अंजाम दिया है. NIA ने जम्मू रीजन, उधमपुर सहित रामबन में कई ठिकानों पर छापा मारा है. पिछले कुछ समय से लगातार जम्मू कश्मीर क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां देखने को मिल रही हैं, यही कारण है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की छापेमारी 9 ठिकानों पर हो रही है.
इस ऑपरेशन में एनआईए अधिकारियों को पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान मदद कर रहे हैं. टीम का पूरा फोकस आतंकवादी घुसपैठ से जुड़े नेटवर्क को खत्म करने पर है, जिसमें ओवरग्राउंड वर्कर, आत्मसमर्पण करने वाले आतंकवादी, संदिग्ध गाइड और शरण देने वाले शामिल हैं. अभी तक किसी को इस कार्रवाई में गिरफ्तार किए जाने की कोई सूचना नहीं है.
एक हफ्ते में NIA की दूसरी रेड
एक हफ्ते पहले अहमदाबाद की टीम ने भी जम्मू में छापा मारा था. रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवाद को बढ़ावा देने और फंडिंग के लिए मादक दवाओं की खरीद-बिक्री करने लिए प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों की साजिश से जुड़े 2020 के कश्मीर नार्को-आतंकवाद मामले में वांछित एक आरोपी को गिरफ्तार किया था. उन्होंने बताया कि मुनीर अहमद बंदे पिछले चार सालों से फरार था. वह एक साजिश का अहम हिस्सा था, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर और भारत के अन्य हिस्सों में आतंक फैलाने के लिए फंडिंग जुटाई थी और इस पैसे का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में ओवर-ग्राउंड वर्कर्स के नेटवर्क के माध्यम से आतंकवादी एक्टिविटी को आगे बढ़ाने के लिए किया जाना था.टीम ने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के गुर्गों से जुड़ी साजिश जून 2020 में सामने आई थी. जब हंदवाड़ा (कुपवाड़ा) पुलिस ने 2 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती के बाद मामला दर्ज किया गया था. एनआईए ने कहा, एजेंसी नार्को-टेरर नेटवर्क को खत्म करने और देश में, खासकर कश्मीर में टेरर फंडिंग की जड़ को नष्ट करने के लिए अपनी जांच जारी रखे हुए हैं.