जन आस्था का प्रतीक गांधीग्राम का लखदाता दंगल मेला – डॉ. सैजल

Spread the love

देवभूमि हिमाचल को अपनी देवीय परम्पराओं और देवी-देवताओं में अक्षुण्ण आस्था के लिए जाना जाता है। प्रदेश के हर क्षेत्र में लगभग प्रतिदिन देव आस्था की पुष्टि के लिए कोई न कोई आयोजन किया जाता है। यह उद्गार गत सांय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा आयुष मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने ग्राम पंचायत अनहेच के कोटी गांधीग्राम गांव में लखदाता दंगल मेले में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।डॉ. सैजल ने कहा कि मेले के आयोजनों में न केवल क्षेत्र विशेष अपितु आस-पास के बड़े सम्भाग की भागीदारी होती है। यह आयोजन जहां आमजन के मेलजोल का कारण बनते हैं वहीं देवभूमि में संस्कृति के प्रचार-प्रसार और आपसी सौहार्द को सुदृढ़ करने का माध्यम भी बनते हैं। उन्होंने कहा कि जन आस्था का ऐसा ही एक प्रतीक गांधीग्राम का लखदाता दंगल मेला है। इस मेले के आयोजन की परम्परा प्राचीन काल से चली आ रही है।मेले के दौरान लखदाता दंगल समिति गांधीग्राम द्वारा बाबा सिद्ध चानू मंदिर के समीप दंगल का आयोजन करवाया गया। दंगल के दौरान 2100 रुपये की मिनी माली विजय कुमार ने, 5100 रुपए की छोटी माली संजू तथा 11000 रुपये की बड़ी माली विक्रम ओच्छघाट ने जीती।

डॉ. सैजल ने मेला लखदाता दंगल समिति कोटि गांधीग्राम को 51000 रुपये देने की घोषणा की।इससे पूर्व आयुष मंत्री ने ग्राम पंचायत अनहेच के अंतर्गत 45 लाख रुपए की लागत से निर्मित बधाल, बानन, रिहूँ व शमलेच के लिए 04 नए बिजली के ट्रांसफार्मर व नई बिजली की लाइन का लोकार्पण किया। इस योजना के निर्माण से अनहेच ग्राम पंचायत के लगभग 500 लोगों को लो-वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगी।इस अवसर पर कृषि उपज विपणन समिति के अध्यक्ष संजीव कश्यप, कसौली भाजपा मंडल के अध्यक्ष कपूर सिंह वर्मा, ग्राम पंचायत अनहेच के प्रधान मोहन लाल कंवर, उप प्रधान संदीप ठाकुर, दुग्ध सुधार सभा समिति सोलन के अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा, जुवेनाइल बोर्ड के सदस्य राज सिंगला, तीर्थ राम शर्मा, राजीव ठाकुर, दंगल समिति गांधीग्राम के प्रधान संजीव सैजल, उप प्रधान मदन लाल, सचिव कर्मचंद, अनुसूचित जाति मोर्चा के महामंत्री सोहनलाल सहित पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधि व स्थानीय ग्रामीण उपस्थित थे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक