जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे बने नए थल सेना प्रमुख, जानिए उनका सफरनामा
थल सेना प्रमुख के रूप में आज जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे ने कमान संभाल ली है। पूर्व सेना प्रमुख बिपिन रावत ने उन्हें सेना की कमान सौंप दी है। नई दिल्ली के सेना भवन में रावत ने परंपरा के तहत बैटन सौंपकर नरवणे को चार्ज सौंपा। 59 साल के एम एन नरवाणे देश के 28वें सेना प्रमुख होंगे और अगले तीन साल तक इस पद पर बने रहेंगे। नरवणे ने जनरल बिपिन रावत का स्थान लिया, जो तीन साल तक सेना प्रमुख रहने के बाद देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किए गए हैं।
#WATCH General Manoj Mukund Naravane takes over as the 28th Chief of Army Staff, succeeding General Bipin Rawat. pic.twitter.com/oQtwPU9wAo
— ANI (@ANI) December 31, 2019
महाराष्ट्र से ताल्लुक रखनेवाले नरवणे को मुश्किल मोर्चे पर सफलता और बेहतरीन नेतृत्व क्षमता के लिए जाना जाता है। इसके साथ ही नए आर्मी चीफ अपने सहकर्मियों और स्टाफ के बीच साफ छवि और अच्छे व्यवहार के कारण काफी लोकप्रिय हैं। चीन के साथ जुड़े सुरक्षा मामलों पर भी जनरल नरवणे की मजबूत पकड़ है।
एमएम नरवाणे सेना में शौर्य और समर्पण के लिए, परम विशिष्ठ सेवा मेडल, अति विशिष्ठ सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ठ सेवा मेडल से सम्मानित हैं।
अपने 37 वर्षों के सेवाकाल में नरवणे जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन की कमान संभाली और पूर्वी मोर्चे पर इन्फैन्ट्री ब्रिगेड का नेतृत्व किया। वे श्रीलंका में लिट्टे के खिलाफ भारतीय सेना के ऑपरेशन पवन का भी हिस्सा रह चुके हैं।
नरवणे के साथ काम कर चुके अधिकारी उन्हें बेहतरीन शख्स बताते हैं। सितंबर में उप सेनाध्यक्ष बनने से पहले वह कोलकाता स्थित ईस्टर्न आर्मी कमांड के मुखिया थे। अधिकारी ने बताया कि वह बिना किसी लाग-लपेट के अपनी बातें रखते हैं। नए आर्मी चीफ को करीब से जाननेवाले लोगों का कहना है कि अनुशासन और पाबंदी के कारण उन्हें हार्ड टास्क मास्टर के तौर पर जाना जाता है।




