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जगाने आया था पिता… बेटी ने कहा कुछ नहीं होगा, अगले ही पल दफन

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हिमाचल प्रदेश में मानसून कहर बरपा रहा है और लोगों को जिंदगी भर के जख्म दे गया है। प्राकृतिक आपदा के क्रूर पंजों ने मंडी जिले की हाड़ाबोई पंचायत के बरागता गांव निवासी खूब राम की जिंदगी में दुखों का पहाड़ गिरा दिया। इकलौती बेटी के साथ नाती और भाभी की मौत हो गई, जबकि खुद और पत्नी अस्पताल में भर्ती हैं। आठ महीने के बेटे भीष्म के साथ बेटी कमला मायके आई थी। उससे मिलने कमला की ताई तांगु देवी भी आई। तांगु देवी का घर खूब राम के घर से थोड़ी दूर है। शाम को खाने के बाद एक कमरे में कमला अपने बेटे और ताई के साथ सो गई जबकि दूसरे कमरे में खूब राम और उसकी पत्नी दर्शना देवी सो गए।है। रात को मूसलाधार बारिश हो रही थी। आशंका के चलते रात दो बजे खूब राम और उसकी पत्नी बेटी-भाभी को जगाने लगे। बेटी ने कहा कि कुछ नहीं होगा और फिर सो गए। थोड़ी ही देर में ऊपर से मलबा आया और घर को बहाकर ले गया। खूब राम और उसकी पत्नी तो बच गए लेकिन बेटी, नाती और भाभी मलबे में दब गए। उनकी मौत होने पर तीन परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। खूब राम की एक ही बेटी थी जबकि तांगु देवी के तीन बेटे हैं जो अनाथ हो गए। तांगु देवी के पति जय सिंह की कुछ समय पहले मौत हो गई है। सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल और पूर्व विधायक सुंदरनगर सोहन लाल ठाकुर ने हादसे पर दुख जताया

पिता के बाद अब मां भी छोड़ गईं
हाड़ाबोई गांव में तांगु देवी का बड़ा बेटा ओमप्रकाश रहता है। उसको जब हादसे के थोड़ी देर बाद गांव से फोन आया तो आनन फानन में वह वहां पहुंच गया। तब तक उसकी मां चल बसी थी। कुछ अरसा पहले ही पिता जय सिंह की भी मौत हो गई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए सुन्नी अस्पताल लाया गया। ताई और भतीजी के शव को पोस्टमार्टम के बाद तत्तापानी में अंतिम संस्कार किया। भीष्म के शव को भी कुछ दूरी पर दफना दिया गया। खूब राम और उसकी पत्नी को सुन्नी अस्पताल से शिमला रेफर कर दिया है।

खुब राम और उसका परिवार हुआ बेघर
स्थानीय निवासी शेर सिंह ने बताया कि इस हादसे के बाद खूब राम पूरी तरह से बेघर हो गया। उसका घर और जमीन पूरी मलबे में चली गई। उसकी भाभी तांगु देवी का घर भी खतरे की चपेट में है। अगर वह गिर गया तो तांगु देवी के बच्चे अनाथ होने के बाद बेघर हो जाएंगे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक